मनोज जैसवाल : कितना भी नया, आधुनिक, ब्रैंडेड और महंगा हो, कंप्यूटर कुछ महीनों बाद धीमा हो ही जाता है। आप उसकी हार्ड डिस्क दोबारा फॉरमैट करके देखते हैं, विंडोज को दोबारा इंस्टॉल करते हैं और वह फिर से रफ्तार पकड़ने लगता है। मगर दो-तीन महीने गुजरे नहीं कि फिर वही कहानी। लेकिन कुछ सावधानी बरतकर आप अपने कंप्यूटर की रफ्तार बरकरार रख सकते हैं।आम राय यह है कि कंप्यूटर तो धीमा पड़ेगा ही पड़ेगा क्योंकि कंपनियां उन्हें बनाती ही इस तरह हैं कि वे धीमे पड़ जाएं। ऐसा न हो तो लोग नए कंप्यूटर कैसे खरीदेंगे? इस बात में सचाई नहीं है। आम तौर पर कोई कंप्यूटर कंपनी अपने उत्पादों की कार्यक्षमता नहीं घटा सकती। तकनीकी आधार पर भी और कारोबारी कारणों से भी (गारंटी के दौरान उन्हें बदलना ज्यादा महंगा पड़ेगा)। यूं तो उम्र बीतने के साथ-साथ मशीनों की कपैसिटी में भी थोड़ी कमी आती है लेकिन अगर खरीदने के छह महीने के भीतर ही कंप्यूटर धीमा पड़ जाए तो गलती कहीं-न-कहीं यूजर्स की भी है।
कंप्यूटरों के धीमा पड़ने के आम कारणों में बहुत ज्यादा सॉफ्टवेयर इंस्टॉल करना और बड़ी संख्या में टेंपरेरी फाइलों या सिस्टम फाइलों का हार्ड डिस्क में जमा हो जाना है। ये फाइलें सॉफ्टवेयरों के इन्स्टॉलेशन या इस्तेमाल के साथ-साथ इंटरनेट सर्फिंग के कारण भी बन जाती हैं। वायरसों, स्पाईवेयर, एडवेयर जैसे घातक ऐप्लिकेशंस और मैलवेयर भी इसमें बड़ी भूमिका निभाते हैं। सासर जैसे वायरस तो उन्हें इतना धीमा कर सकते हैं कि आप माउस तक न हिला पाएं। हार्ड डिस्क संबधी गड़बडि़यां भी काम की स्पीड घटा देती हैं। अगर आप अपने कंप्यूटर को बरसों बरस तेज बनाए रखना चाहते हैं तो आपको इन बातों का खास खयाल रखना चाहिए :
1. अपने आप बनने वाली टेंपररी फाइलों (टेम्प) को पूरे कंप्यूटर में सर्च कर डिलीट कर दें। इसके लिए आप आगे बताए गए स्टेप्स को फॉलो करें :
Internet explorer-Tools-Brousing history-Delete .
2. अगर रिसाइकिल बिन भरा पड़ा है तो उसे खाली कर लें।
3. नॉर्टन, मैकेफी, कैस्परस्की, एवीजी (मुफ्त भी उपलब्ध), ट्रेंड माइक्रो जैसा कोई अच्छा ऐंटि- वायरस सॉफ्टवेयर इन्स्टॉल करें और अपने कंप्यूटर को वायरसों से मुक्त रखें। इसी तरह स्पाईवेयर हटाने के लिए 'स्पाईवेयर सर्च ऐंड डिस्ट्रॉय' सॉफ्टवेयर का प्रयोग करें।
4. हार्ड डिस्क में मौजूद डेटा को सिलसिलेवार ढंग से जमा करने (डीफ्रैगमेन्ट) के लिए आप इन स्टेप्स को फॉलो करें :
My computer-Local disk-Right click-Properties-Tools-Defragment now.
5. हार्ड डिस्क बहुत भर गई है तो गैरजरूरी फाइलों को हटाकर उसमें कम-से-कम एक चौथाई जगह खाली रखें।
6. कंट्रोल पैनल में जाकर Add-remove programs सुविधा के जरिए ऐसे सभी सॉफ्टवेयरों को हटा दें जिनकी जरूरत अब नहीं है। बहुत ही कम इस्तेमाल होने वाले सॉफ्टवेयर को भी हटा सकते हैं और जब जरूरत हो दोबारा इन्स्टॉल कर सकते हैं।
7. कंप्यूटर में सभी सॉफ्टवेयरों से संबंधित सूचना एक जगह पर दर्ज होता है, जिसे रजिस्ट्री कहते हैं। रजिस्ट्री को साफ करने के लिए किसी फ्रीवेयर रजिस्ट्री क्लीनर का प्रयोग करें ताकि वहां हटाए गए सॉफ्टवेयरों का गैरजरूरी डेटा न पड़ा रहे।
8. अगर कंप्यूटर में रैम कम है तो उसे बढ़वा लें। एक जीबी रैम अच्छी मानी जाती है, लेकिन अगर आप ज्यादा संसाधनों का प्रयोग करने वाले सॉफ्टवेयर इस्तेमाल करते हैं तो इसे दो जीबी करवा लें।
9. अपने कंप्यूटर में वर्चुअल मेमरी की सेटिंग देखें। इसके लिए कंट्रोल पैनल में System–advanced–performance–settings–virtual memory पर जाएं। चेंज बटन दबाकर वर्चुअल मेमरी का आकार बढ़ा दें। वर्चुअल मेमरी का प्रयोग रैम के पूरी तरह इस्तेमाल हो जाने पर विकल्प के रूप में किया जाता है।
1 0 . फॉन्ट्स की संख्या सीमित रखें। कई सौ फॉन्ट रखने से सिस्टम का धीमा पड़ना तय है।
12. स्टार्ट अप श्रेणी में बाय डिफॉल्ट शुरू होने वाले सॉफ्टवेयरों की संख्या बहुत सीमित कर दें। इसके लिए कंट्रोल पैनल, टास्कबार ऐंड स्टार्ट मेन्यू कस्टमाइज विकल्पों का प्रयोग करें।
13. अगर आपकी विंडोज की ग्राफिक्स सेटिंग बहुत जयादा है तो उसे थोड़ा कम करके देखें। कंप्यूटर के डेस्कटॉप पर माउस का राइट क्लिक करने पर डिस्प्ले प्रॉपटीर्ज दिखाई देती हैं। इसमें सेटिंग्स टैब पर जाएं और कलर क्वॉलिटी थोड़ी कम (32 बिट से घटाकर 16 बिट) करके देखें।
14. हो सकता है कि आपके कंप्यूटर में इन्स्टाल किए गए डिवाइस ड्राइवर (हर हार्डवेयर के संचालन के लिए कंप्यूटर में उससे जुड़े एक सॉफ्टवेयर को इन्स्टाल करना पड़ता है जिसे डिवाइस ड्राइवर कहते हैं) विंडोज के वर्जन के अनुकूल न हों। यदि आपको किसी हार्डवेयर के बारे में ऐसा शक है तो उसे बनाने वाली कंपनी की वेबसाइट पर जाकर ताजा डिवाइस ड्राइवर डाउनलोड कर इन्स्टॉल कर लें।
कंप्यूटर के धीमे पड़ने की ज्यादातर समस्याएं इन तरीकों से हल हो जानी चाहिए। अगर आपका कंप्यूटर फिर भी धीमा ही रहता है तो आपको किसी विशेषज्ञ की सीधी मदद लेने की जरूरत है।
manojjaiswalpbt |
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शानदार जानकारी.
जवाब देंहटाएंGreat post
जवाब देंहटाएंबेहद सुन्दर
जवाब देंहटाएंvery nice post manoj ji
जवाब देंहटाएंअच्छी जानकारी
जवाब देंहटाएंहमारे सिस्टम में तो नॉर्टन एंटीवायरस ही वायरस की तरह काम कर रहा है। यह वायरस को हटा पाने में पूरी तरह सक्षम नहीं है-पावर इरेजर चलाने पर भी।
जवाब देंहटाएं@ शिक्षामित्र जी. आप के लिए मेरी सलाह है,आप फ्री साफ्टवेयर के चक्कर में ना पड़ कर मार्केट से एक अच्छा साफ्टवेयर खरीद कर इस्तेमाल करे।
जवाब देंहटाएंज्ञानबर्धक जानकारी साधुबाद.
जवाब देंहटाएंआप सभी लोगो का पोस्ट पर राय के लिए धन्यबाद.
जवाब देंहटाएंशानदार जानकारी
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