मनोज जैसवाल : नई दिल्ली/बेंगलुरू . देश के प्रमुख शहरों की गलियों को अब गूगल पर देखा जा सकेगा। सर्च इंजन गूगल ने प्रमुख सड़कों की थ्रीडी इमेज इंटरनेट पर लाने का काम गुरुवार को शुरू कर दिया। गूगल ने यह कदम अपनी बहुचर्चित फीचर स्ट्रीटव्यू के तहत उठाया है। इसकी शुरुआत बेंगलुरू से हुई है। कंपनी ने इसके लिए अपने विशेष वाहनों को शहर की गलियों-चौराहा पर दौड़ाना शुरू किया है। इन वाहनों में विशेष कारें तथा रिक्शे शामिल हैं। इनमें उच्च क्षमता वाले कैमरे लगे हैं।
कंपनी का कहना है कि इन कैमरों से ली गई फोटो (चित्रावली) को बाद में गूगलमैप्स पर स्ट्रीटव्यू में उपलब्ध कराया जाएगा। कंपनी अभी 27 से अधिक देशों में स्ट्रीटव्यू की सेवा दे रही है। इसमें यूजर्स कंप्यूटर स्क्रीन पर गलियों के दृश्य तक देख सकते हैं।
27 देशों के बाद भारत में भी होगी शुरुआत
ये होगा फायदा
गूगल इंडिया के उत्पाद प्रमुख विनय गोयल का मानना है कि स्ट्रीट व्यू शहरी विकास की योजना बनाने वालों, सुरक्षा एजेंसियों, मकान तलाशने वालों तथा यात्रियों के लिए बहुत काम आ सकता है। इसके अलावा आप अपने शहर की गलियों और सड़कों को कहीं से भी देख सकेंगे।
इसलिए नुकसान
सुरक्षा की दृष्टि से इसकी आलोचना भी होती रही है। गूगल ने यह सेवा 2007 में शुरू की थी। स्ट्रीटव्यू के वाहनों ने वाईफाई नेटवर्क से ई-मेल, पासवर्ड और अन्य व्यक्तिगत जानकारियां हासिल कर ली थीं। इस कारण दुनिया के कई देशों ने इसे बंद करने की मांग की थी।
सुरक्षा का पूरा ख्याल
व्यक्तिगत निजता को देखते हुए केवल सार्वजनिक जगहों के चित्र लिए जाएंगे। लोगों के चेहरे, वाहन नंबर प्लेटों को छिपा दिया जाएगा।
कंपनी का कहना है कि इन कैमरों से ली गई फोटो (चित्रावली) को बाद में गूगलमैप्स पर स्ट्रीटव्यू में उपलब्ध कराया जाएगा। कंपनी अभी 27 से अधिक देशों में स्ट्रीटव्यू की सेवा दे रही है। इसमें यूजर्स कंप्यूटर स्क्रीन पर गलियों के दृश्य तक देख सकते हैं।
27 देशों के बाद भारत में भी होगी शुरुआत
ये होगा फायदा
गूगल इंडिया के उत्पाद प्रमुख विनय गोयल का मानना है कि स्ट्रीट व्यू शहरी विकास की योजना बनाने वालों, सुरक्षा एजेंसियों, मकान तलाशने वालों तथा यात्रियों के लिए बहुत काम आ सकता है। इसके अलावा आप अपने शहर की गलियों और सड़कों को कहीं से भी देख सकेंगे।
इसलिए नुकसान
सुरक्षा की दृष्टि से इसकी आलोचना भी होती रही है। गूगल ने यह सेवा 2007 में शुरू की थी। स्ट्रीटव्यू के वाहनों ने वाईफाई नेटवर्क से ई-मेल, पासवर्ड और अन्य व्यक्तिगत जानकारियां हासिल कर ली थीं। इस कारण दुनिया के कई देशों ने इसे बंद करने की मांग की थी।
सुरक्षा का पूरा ख्याल
व्यक्तिगत निजता को देखते हुए केवल सार्वजनिक जगहों के चित्र लिए जाएंगे। लोगों के चेहरे, वाहन नंबर प्लेटों को छिपा दिया जाएगा।
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