बुधवार

आखिर क्यों आग-बबूला हो गईं मायावती

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मनोज जैसवाल :लखनऊ। इन दिनों उप्र की मुख्यमंत्री मायावती विकीलीक्स पर गुस्सा हैं। गुस्से में मायावती ने कहा है कि विकीलीक्स का मालिक पागल है और उसे आगरा के पागलखाने में भेज देना चाहिए। अक्सर मायावती अपने खास अंदाज के कारण ही सुर्खियों में जगह बनाती हैं। फिर चाहे वो मंच पर खड़े होने का अंदाज हो या फिर अपने जन्मदिन पर लिया जाने वाला स्पेशल गिफ्ट।

मायावती की शख्सियत ही है जो उन्हें फोर्ब्स मैगजीन ने दुनिया की शक्तिशाली महिलाओं की सूची में जगह दी। पूर्ण बहुमत से उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री चुने जाने के बाद ज्यादातर मायावती अपनी धुन में ही रहीं हैं, लेकिन देश-दुनिया और राजनीतिक गलियारों में होने वाली हलचल कभी-कभी माया मेमसाहब को इतने नागवार गुजरते हैं कि वे आग बबूला हो उठती हैं।


आइये देखें क्या-क्या हुआ जब माया को आया गुस्सा

विकिलीक्स का मालिक पागल है और अगर वो आगरा के मेंटल अस्पताल में इलाज कराए तो उसके लिए मैं मदद करने को तैयार हूं। गुस्से में दिया गया मायावती का ये सबसे ताजा बयान है। विकिलीक्स में सतीश मिश्रा और खुद पर हुए खुलासे को लेकर मायावती बहुत नाराज हुईं। तत्काल प्रेस कांफ्रेंस बुलाकर मायावती ने विकीलीक्स के मालिक के साथ-साथ दूसरी पार्टियों के उन नेताओं को भी आढ़े हाथों लिया जो इस खुलासे को जैकपॉट की तरह इस्तेमाल करने का मन बना रहे थे।

बर्दाश्त नहीं है पार्टी में दूसरा दबंग
खुद मायावती का नाम कितने भी मामलों में उठे लेकिन उन्हें ये कतई बर्दाश्त नहीं होता कि उनकी पार्टी का कोई अन्य सदस्य बदनाम हो। इसलिए मायावती का रिकॉर्ड है कि उन्होंने अपने 12 विधायकों, एक मंत्री और एक सांसद को अपराध में लिप्त पाए जाने पर जेल भिजवा दिया। इससे पहले इतने आक्रामक तेवर किसी अन्य मुख्यमंत्री ने नहीं दिखाए।

सीबीआई को भी लिया आड़े हाथों
वर्ष 2007-08 में मायावती ने 26 करोड़ रुपए टैक्स भरकर देश के टॉप 20 टैक्स पेयर में शामिल हुईं। इतनी ज्यादा संपति को देखकर सीबीआई के कान खड़े हो गये। बस फिर सीबीआई ने उनके खिलाफ गैरकानूनी तरीके से पैसा कमाने का केस दायर कर दिया। जिस पर मायावती नाराज हुईं और इसे केंद्र की साजिश करार दिया। उन्होंने इस कार्रवाई को गैरकानूनी भी बताया।

मूर्तियों की आलोचना पर चढ़ी त्योरियां
जनता की गाढ़ी कमाई को मूर्तियों पर खर्च करने के मामले पर दायर एक पब्‍लिक लिटिगेशन पर जब कोर्ट ने मायावती से जवाब मांगा तब भी माया का पारा चढ़ गया। उन्होंने प्रेस कांफ्रेस बुलाई और इस बेफजूल खर्च का कारण उत्तर प्रदेश की पिछली सरकारों को बताया। माया का कहना था कि क्योंकि आज तक किसी भी सरकार ने इन दलित आदर्शों के ऊपर ध्यान नहीं दिया, इसलिए उन्हें ऐसा करना पड़ रहा है। और तो और उन्होंने इन मूर्तियों की सुरक्षा के लिए स्पेशल फोर्स के गठन का ऐलान भी किया।
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