मनोज जैसवालफेसबुक : और स्काइपे में एक समझौते की अटकलें है जिससे फेसबुक पर वीडियो चैट की सेवा शुरू होने की संभावना है।
उल्लेखनीय है कि सोशल नेटवर्किंग साइटों के लिए ये दिन काफी बड़ी घटनाओं के है। गूगल अपनी बड़ी परियोजना गूगल प्लस को पेश करने की तैयारी में जुटी है तो फेसबुक के सीईओ मार्क जुकरबर्ग ने छह जुलाई को कुछ अदभुत शुरू करने की घोषणा की है।
उल्लेखनीय है कि माइक्रोसॉफ्ट ने हाल ही में स्काईपे को 8.5 अरब डॉलर में खरीदा था। ऐसी अटकलें हैं कि स्काईपे की सेवा फेसबुक पर आ सकती है।
गूगल ने गूगल प्लस का प्रायोगिक संस्करण बीते सप्ताह पेश किया था जिसमें विभिन्न उपयोक्ताओं में वीडियो चैटिंग 'प्लस हैंगआउटस' भी है।
विशेषज्ञों का मानना है कि फेसबुक पर वीडियो चैटिंग की सुविधा आकर्षक बदलाव हो सकता है। टेकक्रंच के संपादक माइकल एरिंगटन के हवाले से 'नेक्स्ट वीक' ने कहा है कि स्काईपे से मिलकर फेसबुक वीडियो चैट शुरू करेगी
आपकी ही भाषा में जवाब देगा कम्प्यूटर
कम्प्यूटर पर गुस्सा उतारने वाले लोग अब सावधान हो जाएं क्योंकि अब ऐसा कम्प्यूटर आने वाला है जो उस पर चिल्लाने वाले लोगों को उन्हीं के लहजे में जवाब देगा। वैज्ञानिक एक ऐसी ही भाषा प्रौद्योगिकी को ईजाद करने में लगे हैं।
रिपोर्ट के मुताबिक वैज्ञानिक आवाज से सक्रिय होने वाली एक ऐसी प्रौद्योगिकी के निर्माण में जुटे हैं जो प्राकृतिक और समझदार तरीके से लोगों से बातचीत कर सकती है। कृत्रिम समझ उसे अपने प्रयोगकर्ता की आवाज से परिचित कराने में मदद करेगी।
रिपोर्ट के मुताबिक 62 लाख पाउंड की पांच वर्षों की यह परियोजना हालांकि अभी शैशवास्था में है लेकिन एडिनबर्ग कैम्ब्रिज और शेफ़ील्ड विश्वविद्यालयों के शोधकर्ताओं का मानना है कि इस प्रौद्योगिकी से कई तरह के लाभ होंगे।
एडिनबर्ग विश्वविद्यालय के सूचना विज्ञान के प्रोफेसर स्टीव रेनाल्ड का कहना है, हम ऐसी प्रौद्योगिकियों को विकसित करने में लगे हैं जो प्राकृतिक ध्वनि शब्दों को पहचान और उन्हें उत्पन्न कर सकती है। उन्होंने कहा, इससे कम्प्यूटर की बोलचाल की भाषा विकास हो जाएगा और इस प्रौद्योगिकी का फैलाव हमारे घर कार्यालय और फुर्सत के क्षणों तक हो जाएगा।
रेनाल्ड ने कहा कि उम्मीद है कि बातचीत पर प्रतिक्रिया देने वाली यह प्रौद्योगिकी व्यक्तिगत आवाज को पहचानने और शब्द ज्ञान, बोलने के तरीके और शाब्दिक अभिव्यक्तियों को पहचानने में सक्षम होगी। शेफ़ील्ड विश्वविद्यालय के कम्प्यूटर विज्ञान के थॉमस हेन ने कहा, भाषा की प्रौद्योगिकी समाज की मुख्य धारा में आने वाली है लेकिन इसकी सबसे बड़ी सफलता मनुष्यों की तरह बर्ताव करने में है।
यह भी देखे चुनाव 2012
उल्लेखनीय है कि सोशल नेटवर्किंग साइटों के लिए ये दिन काफी बड़ी घटनाओं के है। गूगल अपनी बड़ी परियोजना गूगल प्लस को पेश करने की तैयारी में जुटी है तो फेसबुक के सीईओ मार्क जुकरबर्ग ने छह जुलाई को कुछ अदभुत शुरू करने की घोषणा की है।
उल्लेखनीय है कि माइक्रोसॉफ्ट ने हाल ही में स्काईपे को 8.5 अरब डॉलर में खरीदा था। ऐसी अटकलें हैं कि स्काईपे की सेवा फेसबुक पर आ सकती है।
गूगल ने गूगल प्लस का प्रायोगिक संस्करण बीते सप्ताह पेश किया था जिसमें विभिन्न उपयोक्ताओं में वीडियो चैटिंग 'प्लस हैंगआउटस' भी है।
विशेषज्ञों का मानना है कि फेसबुक पर वीडियो चैटिंग की सुविधा आकर्षक बदलाव हो सकता है। टेकक्रंच के संपादक माइकल एरिंगटन के हवाले से 'नेक्स्ट वीक' ने कहा है कि स्काईपे से मिलकर फेसबुक वीडियो चैट शुरू करेगी
आपकी ही भाषा में जवाब देगा कम्प्यूटर
कम्प्यूटर पर गुस्सा उतारने वाले लोग अब सावधान हो जाएं क्योंकि अब ऐसा कम्प्यूटर आने वाला है जो उस पर चिल्लाने वाले लोगों को उन्हीं के लहजे में जवाब देगा। वैज्ञानिक एक ऐसी ही भाषा प्रौद्योगिकी को ईजाद करने में लगे हैं।
रिपोर्ट के मुताबिक वैज्ञानिक आवाज से सक्रिय होने वाली एक ऐसी प्रौद्योगिकी के निर्माण में जुटे हैं जो प्राकृतिक और समझदार तरीके से लोगों से बातचीत कर सकती है। कृत्रिम समझ उसे अपने प्रयोगकर्ता की आवाज से परिचित कराने में मदद करेगी।
रिपोर्ट के मुताबिक 62 लाख पाउंड की पांच वर्षों की यह परियोजना हालांकि अभी शैशवास्था में है लेकिन एडिनबर्ग कैम्ब्रिज और शेफ़ील्ड विश्वविद्यालयों के शोधकर्ताओं का मानना है कि इस प्रौद्योगिकी से कई तरह के लाभ होंगे।
एडिनबर्ग विश्वविद्यालय के सूचना विज्ञान के प्रोफेसर स्टीव रेनाल्ड का कहना है, हम ऐसी प्रौद्योगिकियों को विकसित करने में लगे हैं जो प्राकृतिक ध्वनि शब्दों को पहचान और उन्हें उत्पन्न कर सकती है। उन्होंने कहा, इससे कम्प्यूटर की बोलचाल की भाषा विकास हो जाएगा और इस प्रौद्योगिकी का फैलाव हमारे घर कार्यालय और फुर्सत के क्षणों तक हो जाएगा।
रेनाल्ड ने कहा कि उम्मीद है कि बातचीत पर प्रतिक्रिया देने वाली यह प्रौद्योगिकी व्यक्तिगत आवाज को पहचानने और शब्द ज्ञान, बोलने के तरीके और शाब्दिक अभिव्यक्तियों को पहचानने में सक्षम होगी। शेफ़ील्ड विश्वविद्यालय के कम्प्यूटर विज्ञान के थॉमस हेन ने कहा, भाषा की प्रौद्योगिकी समाज की मुख्य धारा में आने वाली है लेकिन इसकी सबसे बड़ी सफलता मनुष्यों की तरह बर्ताव करने में है।
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रोचक जानकारी मनोज जी
जवाब देंहटाएंबेहतर पोस्ट मनोज जी
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