मनोज जैसवाल : नई दिल्ली। अन्ना हजारे ने कांग्रेस द्वारा उन पर लगाए गए भ्रष्टाचार के आरोपों को बेबुनियाद करार देते हुए उसे इन्हें साबित करने और अपनी आमदनी और खर्चों का हिसाब देने की चुनौती दी। हजारे ने प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि 20 साल से चल रही भ्रष्टाचार के खिलाफ उनकी लड़ाई के दौरान उनके चरित्र पर कोई दाग नहीं लगा। उन्होंने कांग्रेस को चुनौती दी कि उसने उनके खिलाफ जो आरोप लगाए हैं उन्हें साबित करके दिखाए। अन्ना ने कहा कि वे 16 अगस्त को जेपी पार्क में अनशन के लिए जाएंगे। अगर गिरफ्तार किया गया तो जेल में अनशन करेंगे। लाठी-गोली खाएंगे लेकिन हाथ नहीं उठाएंगे। अन्ना के साथी अरविंद केजरीवाल ने कहा कि 16 अगस्त की सुबह दस बजे वही लोग जेपी पार्क आएं जो गिरफ्तार होने के लिए तैयार हों।
कांग्रेस के प्रवक्ता मनीष तिवारी ने इससे पहले कहा था कि हजारे ऊपर से नीचे तक भ्रष्टाचार में डूबे हुए हैं। न्यायमूर्ति सावंत आयोग ने उनके ट्रस्टों के बारे में जो आंकड़े दिए हैं उनसे हजारे के खुद भ्रष्टाचार में लिप्त होने का पता चलता है। हजारे ने इसका जवाब देते हुए कहा कि न्यायमूर्ति पी वी सावंत ने अपनी रिपोर्ट में कहीं भी उन्हें भ्रष्ट नहीं ठहराया है। अलबत्ता उनकी रिपोर्ट में दोषी ठहराए जाने के बाद महाराष्ट्र सरकार के तीन मंत्रियों को इस्तीफा देना पड़ा था। अन्ना ने कहा कि कांग्रेस मेरे खिलाफ एफआईआर क्यों नहीं दर्ज कराती। मेरे खिलाफ सौ रुपये का घोटाला भी साबित करके दिखाए।
इस आरोप पर कि प्रधानमंत्री को उन्होंने जो पत्र लिखा है वो गांधीवादी की भाषा नहीं हो सकती, अन्ना ने कहा कि मैं गांधी जी की इज्जत करता हूं लेकिन जो लोग उनकी भाषा नहीं समझते उनके लिए मैं शिवाजी की भाषा भी जानता हूं। अपने आंदोलन के लिए धन की व्यवस्था के बारे में तिवारी के सवालों पर उन्होंने कहा कि उनकी आमदनी और खर्चों का पूरा लेखाजोखा इंटरनेट पर मौजूद है। उन्होंने कहा कि अगर कांग्रेस पारदर्शिता पर इतना ही भरोसा करती है तो उसे भी अपनी आमदनी और खर्चों का लेखाजोखा सार्वजनिक करना चाहिए।
हजारे ने कहा कि सरकार ने उनके ट्रस्ट के खातों की जांच के लिए आठ चार्टर्ड एकाउंटेंट भेजे थे। वे ट्रस्ट के तमाम कागजात की फोटो कापी अपने साथ लेते गए मगर उन्हें इनमें कहीं कोई गड़बड़ी नहीं मिली। उन्होंने कहा कि संसद में पेश लोकपाल विधेयक के कुछ प्रावधानों के खिलाफ 16 अगस्त से आमरण अनशन करने की अपनी योजना पर वह अडिग हैं। उन्होंने कहा कि दिल्ली पुलिस की गैरवाजिब शर्तें वह स्वीकार नहीं करेंगे। अनशन की इजाजत नहीं दिए जाने की स्थिति में वह और उनके सहयोगी 16 अगस्त को सुबह 10 बजे राजधानी के जे पी पार्क में एकत्र होकर गिरफ्तारी देंगे।
हजारे की सहयोगी और पूर्व आई पी एस अधिकारी किरण बेदी ने दिल्ली पुलिस पर राजनीतिक दबाव में काम करने का आरोप लगाते हुए कहा कि अनशन की इजाजत देने के लिए उसकी ओर से थोपी गई शर्तें अलोकतांत्रिक हैं। उन्होंने आंदोलनकारियों से शांति बनाए रखने और सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान नहीं पहुंचाने की अपील की और आशंका जताई कि कुछ उपद्रवी तत्व अनशन के दौरान गड़बड़ी फैलाने की कोशिश कर सकते हैं।
हजारे ने आरोप लगाया कि लोकपाल विधेयक पर सरकार की नीयत पहले से ही साफ नहीं थी। उसने मजबूरी में नागरिक समाज के प्रतिनिधियों को विधेयक का प्रारूप बनाने के लिए गठित समिति में रख तो लिया मगर साथ ही उनके खिलाफ एक-एक कर आरोप लगाना भी शुरू कर दिया। आरटीआई कार्यकर्ता अरविंद केजरीवाल ने कहा कि सरकार ने जो लोकपाल विधेयक संसद में पेश किया है उसमें बुनियादी संशोधन कर नागरिक समाज की मांगों को शामिल नहीं किया जा सकता इसलिए नागरिक समाज की मांग है कि इसे वापस लेकर इसकी जगह एक सशक्त विधेयक संसद में पेश किया जाए।
कांग्रेस के प्रवक्ता मनीष तिवारी ने इससे पहले कहा था कि हजारे ऊपर से नीचे तक भ्रष्टाचार में डूबे हुए हैं। न्यायमूर्ति सावंत आयोग ने उनके ट्रस्टों के बारे में जो आंकड़े दिए हैं उनसे हजारे के खुद भ्रष्टाचार में लिप्त होने का पता चलता है। हजारे ने इसका जवाब देते हुए कहा कि न्यायमूर्ति पी वी सावंत ने अपनी रिपोर्ट में कहीं भी उन्हें भ्रष्ट नहीं ठहराया है। अलबत्ता उनकी रिपोर्ट में दोषी ठहराए जाने के बाद महाराष्ट्र सरकार के तीन मंत्रियों को इस्तीफा देना पड़ा था। अन्ना ने कहा कि कांग्रेस मेरे खिलाफ एफआईआर क्यों नहीं दर्ज कराती। मेरे खिलाफ सौ रुपये का घोटाला भी साबित करके दिखाए।
अन्ना हजारे |
हजारे ने कहा कि सरकार ने उनके ट्रस्ट के खातों की जांच के लिए आठ चार्टर्ड एकाउंटेंट भेजे थे। वे ट्रस्ट के तमाम कागजात की फोटो कापी अपने साथ लेते गए मगर उन्हें इनमें कहीं कोई गड़बड़ी नहीं मिली। उन्होंने कहा कि संसद में पेश लोकपाल विधेयक के कुछ प्रावधानों के खिलाफ 16 अगस्त से आमरण अनशन करने की अपनी योजना पर वह अडिग हैं। उन्होंने कहा कि दिल्ली पुलिस की गैरवाजिब शर्तें वह स्वीकार नहीं करेंगे। अनशन की इजाजत नहीं दिए जाने की स्थिति में वह और उनके सहयोगी 16 अगस्त को सुबह 10 बजे राजधानी के जे पी पार्क में एकत्र होकर गिरफ्तारी देंगे।
हजारे की सहयोगी और पूर्व आई पी एस अधिकारी किरण बेदी ने दिल्ली पुलिस पर राजनीतिक दबाव में काम करने का आरोप लगाते हुए कहा कि अनशन की इजाजत देने के लिए उसकी ओर से थोपी गई शर्तें अलोकतांत्रिक हैं। उन्होंने आंदोलनकारियों से शांति बनाए रखने और सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान नहीं पहुंचाने की अपील की और आशंका जताई कि कुछ उपद्रवी तत्व अनशन के दौरान गड़बड़ी फैलाने की कोशिश कर सकते हैं।
हजारे ने आरोप लगाया कि लोकपाल विधेयक पर सरकार की नीयत पहले से ही साफ नहीं थी। उसने मजबूरी में नागरिक समाज के प्रतिनिधियों को विधेयक का प्रारूप बनाने के लिए गठित समिति में रख तो लिया मगर साथ ही उनके खिलाफ एक-एक कर आरोप लगाना भी शुरू कर दिया। आरटीआई कार्यकर्ता अरविंद केजरीवाल ने कहा कि सरकार ने जो लोकपाल विधेयक संसद में पेश किया है उसमें बुनियादी संशोधन कर नागरिक समाज की मांगों को शामिल नहीं किया जा सकता इसलिए नागरिक समाज की मांग है कि इसे वापस लेकर इसकी जगह एक सशक्त विधेयक संसद में पेश किया जाए।
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