बुधवार

आइये जानते हैं 4G तकनीक के बारे में

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इंटरनेट पर स्पीड की आंधी आने को तैयार है। 3जी के बाद अब 4जी का कमाल आपके मोबाइल फोन और टैबलेट पर पहुंच गया है। रफ्तार का अंदाजा आप इस बात से लगा सकते हैं कि एक पूरी फिल्म 40-50 सेकंड में डाउनलोड होगी। तो क्या वक्त आ गया है कि आपको 4जी से लैस गैजट खरीद लेने चाहिए, अगर हां तो वे गैजट हैं कौन से, और कहां तक पहुंचा है इसका नेटवर्क।

क्या है 4जी, कहां है पहुंच?
मोबाइल पर इंटरनेट की नेक्स्ट जेनरेशन है 4जी, जिसमें डेटा डाउनलोड की रफ्तार 100 मेगाबिट्स- पर- सेकंड (mbps) तक होनी चाहिए। अमेरिका में कुछ कंपनियां फिक्स्ड नेटवर्क पर एक गीगाबिट्स- पर -सेकंड (gbps) तक की स्पीड की बात कर रही हैं। तकनीकी जुबान में 4 जी को लॉन्ग टर्म ईवॉल्यूशन यानी एलटीई कहते हैं जिसके दो वर्जन हैं। पहला है टीडी (टाइम डिविजन) एलटीई और दूसरा एफडी (फ्रीक्वेंसी डिविजन) एलटीई। भारत में टीडी एलटीई चलता है। वैसे टीडी एलटीई की भी अलग-अलग मुल्कों में अलग फ्रीक्वेंसी भी होती है, और आपका गैजट आपके मुल्क के नेटवर्क की फ्रीक्वेंसी के लायक होना चाहिए, भारत में यह 2300 मेगाहर्ट्ज है। इन टेक्नो शब्दों से आप पर क्या फर्क पड़ता है, अब हम उसे समझेंगे।

4G डिवाइस और LTE का चक्कर
अभी कई 4जी डिवाइस अलग- अलग तरह के एलटीई के हिसाब से हैं। मसलन आईफोन 5 एफडी एलटीई को ही सपोर्ट करता है। यानी आप अमेरिका में तो इस पर हाई स्पीड डेटा चला सकते हैं लेकिन भारत में टीडी एलटीई होने से यहां इस पर 4 जी का फायदा नहीं उठा सकते हैं। इसी तरह अमेरिका में टीडी एलटीई की फ्रीक्वेंसी भारत से अलग है। यानी आप अगर कोई 4जी फोन या टैबलेट खरीद रहे हैं या विदेश से मंगा भी रहे हैं तो यह चेक करना जरूरी है कि क्या वह 4जी के उसी नेटवर्क पर चलता है जो भारत में मिल रहा है। टेलिकॉम वेबसाइट www.telecomvibe.com का आकलन है कि भविष्य में अधिकतर डिवाइस ऐसी आएंगी जो टीडी और एफडी, दोनों तरह के एलटीई पर चलती होंगी।

भारत में कहां अटकी है बात?

दिक्कत नंबर 1: अभी पूरे देश में 4जी नेटवर्क नहीं बन पाया है, हालांकि यह तेजी से नए शहरों में जा रहा है। फिलहाल अभी 6 शहरों में ही 4जी नेटवर्क चालू है, जिनमें पुणे, बेंगलुरु, कोलकाता, चंडीगढ़, मोहाली और पंचकूला शामिल हैं।

दिक्कत नंबर 2: इस पर चलने वाले हैंडसेट और डिवाइसेज अभी काफी कम हैं। आईफोन 5 तो भारत में 4जी पर नहीं चलता है, नोकिया 920 और आई पैड में भी 4जी की रफ्तार का जादू भारत में नहीं मिल रहा है। कुछ चुनिंदा सेट ही हैं और उनके दाम भी बहुत ज्यादा है।

दिक्कत नंबर 3: सबसे बड़ी समस्या है कि फिलहाल 4 जी पर आपको वॉयस सर्विस नहीं मिल रही है। यानी आप सिर्फ डेटा के लिए ही इसका इस्तेमाल कर सकते हैं। टेलिफोनी के लिए आपको अलग से डिवाइस अपने पास रखनी होगी। हालांकि इस साल के आखिर तक एयरटेल वॉयस लाने की कोशिश में है।

क्या है उम्मीद ?
इसमें एक बड़ी उम्मीद यह है कि मुकेश अंबानी की कंपनी रिलायंस पूरे भारत का लाइसेंस लेने के बाद इस पर काम कर रही है और जल्द कई डिवाइस ला सकती है। साल के अंत तक दिल्ली और मुंबई में, फिर बाकी शहरों मे डेटा बेस्ड 4जी आने के आसार हैं। रिलायंस जियो इन्फोकॉम वॉयस और डेटा दोनों तरह की सर्विस लाएगी। यह भी माना जा रहा है कि रिलायंस का मेन फैक्टर प्राइस होगा और कम दाम की वजह से वह एक नया बाजार बनाएगी। शुरुआत सस्ता टैबलेट से होने की संभावना है।

दूसरी बड़ी उम्मीद यह है कि जब पांच साल पहले भारत में 3जी ने दस्तक दी तो भी यही हालात थे, कम डिवाइसेज थी, हर जगह इसकी उपलब्धता पर सवाल थे। लेकिन आज इसके यूजर्स की तादाद 3.5 करोड़ पहुंच चुकी है। हर नई टेक्नॉलजी आने के बाद उसका इन्फ्रास्ट्रक्चर बनने में वक्त लगता है।

कौन चलेगा 4 जी पर?

HTC one: एचटीसी के इस फोन को सबसे बेहतरीन ऐंड्रॉयड मोबाइल में गिना जा सकता है। 4.7 इंच की फुल एचडी स्क्रीन वाले इस हैंडसेट में अल्ट्रा पिक्सल वाले कैमरे का फीचर दिया गया है जो मेगापिक्सल से अलग है। 4 जी के लिए यह फोन पांच तरह के एलटीई नेटवर्क पर चल सकता है, इस खूबी की वजह से यह कई जगहों पर इस्तेमाल किया जा सकता है। ऐंड्रॉयड जेली बीन, 1.7 गीगाहर्ट्ज क्वाड कोर प्रोसेसर, बिना एक्सटर्नल मेमरी स्लॉट के इसमें 32 और 64 जीबी मेमरी और 2 जीबी रैम है।

LG Optimus G Pro: एलजी ने अपने इस लेटेस्ट फोन को भारत में इसी हफ्ते लॉन्च किया है। यह कोरियाई कंपनी भारत में अपने और भी 4 जी हैंडसेट लाने का इरादा बना चुकी है। ऑप्टिमस जी प्रो के कोरिया में लॉन्च के 40 दिन के भीतर ही 5 लाख हैंडसेट बिक चुके हैं। ऐंड्रॉयड जेली बीन पर चलने वाले इस फोन में 5.5 इंच की फुल एचडी आईपीएस डिस्प्ले स्क्रीन है। इसका एक और खास फीचर दमदार 3140 मिली ऐंपियर बैटरी है। 13 मेगापक्सल कैमरा और 32 जीबी की इनबिल्ट प्लस एक्सपेंडेबल मेमरी इसके खास फीचर हैं।

आकाश 4: सबसे सस्ती टैबलेट का यह मॉडल अभी नहीं आया है, इसे जल्द ही लाने की संभावना है। इस बात के संकेत मिले हैं कि आकाश 4 को तेज रफ्तार 4जी की डेटा सर्विस के लायक बनाकर पेश किया जाएगा। जानकार कहते हैं कि सरकार की तरफ से जारी इसके स्पेसिफिकेशंस में डोंगल सपोर्ट से 2 जी, 3जी या 4जी कनेक्टिविटी के सपोर्ट की बात इसमें हैं। आकाश के पहले मॉडल का दाम 2300 रुपये से कम था, लेकिन अभी यह पता नहीं है कि आकाश 4 किस प्राइस रेंज में होगा। इसके अलावा यह भी माना जा रहा है कि साल के अंत तक रिलायंस भी जो टैबलेट लाएगी, उसमें 4जी डेटा सर्विस तो होगी ही, इसका दाम भी 5000 रुपये के करीब या इससे कम रहने की संभावना है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक डिवाइस के लिए सैमसंग से उसकी बात चल रही है।

मोबाइल पर मूवी कितनी फास्ट?
1 जीबी डेटा का मतलब हम अगर आसान भाषा में लगाएं तो इतने में करीब 250-300 गाने या फिर दो घंटे की एक डीवीडी क्वॉलिटी मूवी और तीन स्टैंडर्ड डेफिनेशन मूवी जितना डेटा आ जाता है।

* 4जी की परिभाषा के तहत इसकी स्पीड 100 एमबीपीएस तक जा सकती है, यानी इसमें आप एक हाई डेफिनेशन फिल्म को तीन मिनट से पांच मिनट में डाउनलोड कर सकते हैं। 4जी नेटवर्क कमजोर होने पर स्पीड कम होने से टाइम भी थोड़ा ज्यादा लग सकता है।
* 3जी पर अधिकतम स्पीड 10 एमबीपीएस तक जाती है, यानी आप जिस फिल्म को 4जी पर तीन मिनट में डाउनलोड कर रहे थे, 3जी पर वह कम से कम 30 मिनट तो लेगी ही, अधिकतम स्पीड पर।
* 2जी के EDGE मॉडल पर अधिकतम स्पीड 384 केबीपीएस तक जाती है। यानी इसमें इंतजार घंटों खिंच जाता है।

समझें G का फंडा?
1G: 1980 के दशक में आई ऐनालॉग ट्रांसमिशन टेक्नॉलजी, वॉयस पर ही फोकस, डेटा ट्रांसमिशन जैसा कुछ नहीं। स्पीड1 4.4 केबीपीएस अधिकतम। अलग-अलग फ्रीक्वेंसी से इंटरनैशनल रोमिंग भी नहीं थी।

2G: 1990-91 के दौरान आई डिजिटल ट्रांसमिशन टेक्नॉलजी, वायरलेस डेटा ट्रांसमिट करना हुआ संभव। इसके बेहतर वर्जन 2.5 जी में डेटा ट्रांसफर का रेट 56 केबीपीएस से 115 केबीपीएस तक। वैप, एसएमएस और एमएमएस जैसे फीचर। 2.75 जी में 384 केबीपएस तक स्पीड। EDGE नेटवर्क से आई तेज सर्फिंग।

3G: 2004-05 के दौरान आई तेज रफ्तार डिजिटल ब्रॉडबैंड पैकेट डेटा सर्विस। अच्छे नेटवर्क पर 8-10 एमबीपीएस से लेकर 20 एमबीपीएस तक की डेटा ट्रांसफर स्पीड। हालांकि आमतौर पर भारत में हमने 2-4 एमबीपीएस की स्पीड देखी है लेकिन कंपनियां आदर्श हालात में कहीं ज्यादा स्पीड का दावा करती हैं।

4G: अब दस्तक दे रही है। डिजिटल ब्रॉडबैंड पैकेट पर बहुत तेज रफ्तार से आउटपुट। 100 एमबीपीएस से 1 जीबीपीएस तक की स्पीड का दावा। हालांकि अधिकतर कंपनियां अधिकतम 100 एमबीपीएस तक की स्पीड तक का दावा कर रही हैं।


 manoj jaiswal

16 टिप्‍पणियां

  1. अच्छी जानकारी मनोज जी थैंक्स.

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    1. पोस्ट पर टिप्पणी के लिए आभार।

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  2. उपयोगी जानकारी

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    1. पोस्ट पर टिप्पणी के लिए आभार।

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  3. बढिया जानकारी थैंक्स मनोज जी.

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    1. पोस्ट पर टिप्पणी के लिए आभार।

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    1. पोस्ट पर टिप्पणी के लिए आभार।

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  5. यह भारत देश है मेरा यहाँ कोई सही काम कभी वख्त पर नहीं होता

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    1. आपने दुरुस्त फरमाया शिवम् जी, पर मेरा मकसद अपने पाठकों को अच्छी एंव महत्वपूर्ण जानकारी देना है, व्यवस्था पर सवाल उठाना नहीं। यह काम मेरे से ज्यादा ज्ञानी लोग पहले से ही कर रहे हैं।पोस्ट पर टिप्पणी के लिए आभार।

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  6. सुंदर प्रस्तुति...
    मुझे आप को सुचित करते हुए हर्ष हो रहा है कि आपकी इस प्रविष्टी का लिंक 12-07-2013 यानी आने वाले शुकरवार की नई पुरानी हलचल पर भी है...
    आप भी इस हलचल में शामिल होकर इस की शोभा बढ़ाएं तथा इसमें शामिल पोस्ट पर नजर डालें और नयी पुरानी हलचल को समृद्ध बनाएं.... आपकी एक टिप्पणी हलचल में शामिल पोस्ट्स को आकर्षण प्रदान और रचनाकारोम का मनोबल बढ़ाएगी...
    मिलते हैं फिर शुकरवार को आप की इस रचना के साथ।



    जय हिंद जय भारत...


    मन का मंथन... मेरे विचारों कादर्पण...

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    1. पोस्ट पर टिप्पणी के लिए आभार।

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  8. पोस्ट पर टिप्पणी के लिए आभार।

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