मनोज जैसवाल :अपडेट किया गया
लखनऊ।। यूपी में महिलाओं के खिलाफ बढ़ते अपराधों को रोकने में सरकार और पुलिस नाकाम दिख रही है। बीते 24 घंटों के दौरान भी कई नाबालिग लड़कियों के साथ रेप की खबरें हैं।
बाराबंकी में देवां के इब्राहिमपुर इलाके में 10 साल की बच्ची दुकान में खरीदारी करने गई थी। गांव के ही शिवकुमार ने उसे अगवा कर उससे दुष्कर्म किया। बच्ची किसी तरह घर पहुंची और परिजनों से आपबीती सुनाई। परिजन आनन-फानन उसे जिला अस्पताल ले गए। डॉक्टरों ने प्राथमिक उपचार के बाद हालत गंभीर देखते हुए उसे लखनऊ के ट्रॉमा सेंटर रेफर कर दिया। आरोपी को जेल भेज दिया गया है।
सुल्तानपुर थाने के तेंदुआ काजी गांव में घर के बाहर खेल रही मासूम बच्ची को बहला-फुसला कर गांव का ही मुकेश नामक युवक बाहर ले गया और उसके साथ दुष्कर्म किया। बच्ची की चीख-पुकार पर एक युवक वहां पहुंचा तो आरोपी उसे छोड़कर फरार हो गया। बेहोशी की हालत में बच्ची को अस्पताल में भर्ती कराया। पिता की तहरीर पर पुलिस ने आरोपी युवक के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कर मामले की तफ्तीश शुरू कर दी है।
हाथरस के सासनीगेट इलाके में शनिवार को 14 साल की लड़की के साथ पड़ोस के किशोरी लाल नाम के युवक ने घर में घुसकर कथित रूप से बलात्कार किया। घटना के वक्त किशोरी घर पर अकेली थी। उसके माता-पिता किसी काम से बाहर गए थे। स्थानीय थाना के प्रभारी आर.एन.सिंह ने रविवार को बताया कि पीड़ित के परिवार की शिकायत पर आरोपी के खिलाफ मामला दर्ज कर लड़की को मेडिकल के लिए भेज दिया गया है। सिंह ने कहा कि फरार आरोपी की तलाश में छापेमारी की जा रही है।
इससे पहले शनिवार को गाजियाबाद के पिलखुवा कोतवाली क्षेत्र के गांव अनवरपुर में 10 वर्षीय बच्ची को रेप के बाद जिंदा जला दिया गया था।
कुशीनगर में तीन महीने पहले एक वहशी युवक ने 13 लड़की के साथ बलात्कार किया था। गर्भवती होने पर किशोरी जब अपनी मां के साथ युवक के खिलाफ शिकायत करने पहुंची तो पुलिस ने उसे भगा दिया। दूसरी तरफ, युवक और उसके परिवार वालों ने दबंगई के बल पर लड़की का गर्भपात करा दिया। एसपी के हस्तक्षेप के बाद बलात्कारी युवक के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर उसे गिरफ्तार कर लिया गया है। वर्तमान में भले ही बलात्कार की घटनाएं तेजी से सामने आ रही हों लेकिन ऐसी घटनाएं पूर्व में भी होती रही हैं। उत्तर प्रदेश पुलिस की फाइलों को खंगाले तो पता चलाता है कि बीते वर्ष प्रदेश में 585 ऐसी घटनाएं हुईं। यह तो बलात्कार की ऐसी वारदातें थीं जो पुलिस तक पहुंची ढेरों ऐसी रहीं जिनका किसी को पता भी नहीं चला।
लखनऊ।। यूपी में महिलाओं के खिलाफ बढ़ते अपराधों को रोकने में सरकार और पुलिस नाकाम दिख रही है। बीते 24 घंटों के दौरान भी कई नाबालिग लड़कियों के साथ रेप की खबरें हैं।
बाराबंकी में देवां के इब्राहिमपुर इलाके में 10 साल की बच्ची दुकान में खरीदारी करने गई थी। गांव के ही शिवकुमार ने उसे अगवा कर उससे दुष्कर्म किया। बच्ची किसी तरह घर पहुंची और परिजनों से आपबीती सुनाई। परिजन आनन-फानन उसे जिला अस्पताल ले गए। डॉक्टरों ने प्राथमिक उपचार के बाद हालत गंभीर देखते हुए उसे लखनऊ के ट्रॉमा सेंटर रेफर कर दिया। आरोपी को जेल भेज दिया गया है।
सुल्तानपुर थाने के तेंदुआ काजी गांव में घर के बाहर खेल रही मासूम बच्ची को बहला-फुसला कर गांव का ही मुकेश नामक युवक बाहर ले गया और उसके साथ दुष्कर्म किया। बच्ची की चीख-पुकार पर एक युवक वहां पहुंचा तो आरोपी उसे छोड़कर फरार हो गया। बेहोशी की हालत में बच्ची को अस्पताल में भर्ती कराया। पिता की तहरीर पर पुलिस ने आरोपी युवक के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कर मामले की तफ्तीश शुरू कर दी है।
हाथरस के सासनीगेट इलाके में शनिवार को 14 साल की लड़की के साथ पड़ोस के किशोरी लाल नाम के युवक ने घर में घुसकर कथित रूप से बलात्कार किया। घटना के वक्त किशोरी घर पर अकेली थी। उसके माता-पिता किसी काम से बाहर गए थे। स्थानीय थाना के प्रभारी आर.एन.सिंह ने रविवार को बताया कि पीड़ित के परिवार की शिकायत पर आरोपी के खिलाफ मामला दर्ज कर लड़की को मेडिकल के लिए भेज दिया गया है। सिंह ने कहा कि फरार आरोपी की तलाश में छापेमारी की जा रही है।
इससे पहले शनिवार को गाजियाबाद के पिलखुवा कोतवाली क्षेत्र के गांव अनवरपुर में 10 वर्षीय बच्ची को रेप के बाद जिंदा जला दिया गया था।
कुशीनगर में तीन महीने पहले एक वहशी युवक ने 13 लड़की के साथ बलात्कार किया था। गर्भवती होने पर किशोरी जब अपनी मां के साथ युवक के खिलाफ शिकायत करने पहुंची तो पुलिस ने उसे भगा दिया। दूसरी तरफ, युवक और उसके परिवार वालों ने दबंगई के बल पर लड़की का गर्भपात करा दिया। एसपी के हस्तक्षेप के बाद बलात्कारी युवक के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर उसे गिरफ्तार कर लिया गया है। वर्तमान में भले ही बलात्कार की घटनाएं तेजी से सामने आ रही हों लेकिन ऐसी घटनाएं पूर्व में भी होती रही हैं। उत्तर प्रदेश पुलिस की फाइलों को खंगाले तो पता चलाता है कि बीते वर्ष प्रदेश में 585 ऐसी घटनाएं हुईं। यह तो बलात्कार की ऐसी वारदातें थीं जो पुलिस तक पहुंची ढेरों ऐसी रहीं जिनका किसी को पता भी नहीं चला।
उत्तर प्रदेश के अन्य इलाकों की बात की जाए या फिर राजधानी की महिलाएं कहीं भी सुरक्षित नहीं हैं। 15 मार्च से 15 जून के बीच राजधानी में दुष्कर्म के 21 मामले दर्ज हुए। इस आंकड़े से साबित होता है कि राज्य में कानून व्यवस्था ध्वस्त हो गयी है और अपराधी खुले आम आपराधिक घटनाओं को अंजाम दे रहे हैं। राज्य में एक दिन में औसतन चार महिलाओं के साथ दुराचार हो रहा है। यह आंकड़ा तो पुलिस के पास है हकीकत इससे कहीं अधिक है।
जिलेवार आंकड़ों पर नजर डालें तो अलीगढ़ में 20 जून को एक दलित महिला ने पुलिस कर्मी पर दुराचार का आरोप लगाया तो पुलिस मामले को रफा-दफा करने की मुद्रा में आ गयी। अलीगढ़ में ही तीन माह में बलात्कार की 14 घटनाएं हुईं। बाराबंकी में महिला हिंसा की जून व मई के मध्य 10 दुराचार तथा 16 छेडख़ानी के मामले दर्ज कराये गए। बाराबंकी के निकट फैजाबाद जिले में दुराचार के 9 मामले प्रकाश में आए जिसमें एक महिला के गर्भवती होने पर उसकी हत्या कर दी गयी। सुल्तानपुर में 3 व अम्बेडकर नगर में 5 मामले दर्ज हुए।
लखीमपुर में तीन माह में पांच महिलाओं के साथ दुष्कर्म हुआ जिसमें चर्चित निघासन काण्ड भी शामिल है। गत माह गाजियाबाद में एक बाप ने अपनी मासूम बेटी को हवस का शिकार बनाया। हापुड़ में 22 अप्रैल को एक 8 वर्षीय नाबालिग बच्ची के साथ बलात्कार कर उसकी हत्या कर दी गयी। कौशाम्बी में तीन माह में दुराचार की आधा दर्जन से अधिक घटनाएं घट चुकी हैं।
उपरोक्त हकीकत यह बताने के लिए काफी है कि राज्य के हालात कभी भी बेहतर नहीं रहे। गत वर्ष से 2011 की तुलना करें तो जहां पिछले साल जनवरी में 97 बलात्कार की घटनाएं हुई इस वर्ष इनकी संख्या बढ़कर 121 पहुंच गयीं। फरवरी में 95 की तुलना में 151 दुष्कर्म की घटनाएं हुई। मार्च में अपराधियों ने बीते वर्ष 147 घटनाओं को अंजाम दिया तो इस वर्ष 152 महिलाओं के साथ दुराचार किया गया। राज्य में जून माह तक करीब 700 बलात्कार की घटनाएं हो चुकी हैं और पुलिस उनकी रोकथाम करने में नाकाम साबित हो रही है।
राजनीतिक दल जहां इसे राजनीतिक मुद्दा बनाकर सरकार को घेरने का प्रयास कर रहे हैं.
वहीं सरकार नया कानून बनाने की बात कर रही है। बलात्कार की घटनाओं पर विशेष महानिदेशक
बृजलाल ने अपने बयान में कहा कि दुराचारियों के खिलाफ कड़ी कार्यवाही के आदेश दिए जा चुके हैं। उनके बयान से विरत देश के कानून में ही इतने छेद हैं कि अपराधियों को सजा मिल पाना मुश्किल हो जाता है।
रोचक जानकारी मनोज जी उप की हालत सबसे ख़राब है
जवाब देंहटाएंvery nice post guru ji
जवाब देंहटाएंरोचक जानकारी मनोज जी
जवाब देंहटाएंअच्छी जानकारी मनोज जी धन्यबाद
जवाब देंहटाएंरोचक जानकारी मनोज जी प्रदेश में अराजकता चरम पर है
जवाब देंहटाएंउप की हालत सबसे ख़राब है
जवाब देंहटाएंu,p में अराजकता चरम पर है
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