शुक्रवार

पांच लाख रुपए वार्षिक आय वाले वेतनभोगियों को अब आयकर रिटर्न भरने की छूट

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मनोज जैसवाल : इससे संबंधित अधिसूचना जारी कर दी गई है.वित्त मंत्रालय ने आज यहां बताया कि केन्द्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने इस संबंध में अधिसूचना जारी कर दी है.
वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी ने वित्त वर्ष 2011-12 के बजट में इसकी घोषणा की थी.

मंत्रालय के अनुसार आकलन वर्ष 2011-12 के लिए आयकर रिटर्न भरने की अंतिम तिथि 31 जुलाई है लेकिन ऐसे व्यक्ति को आयकर रिटर्न भरने की आवश्यकता नहीं होगी. जिसकी वार्षिक वेतन से आय पांच लाख रुपए तक है.

मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि इसके दायरे में सिर्फ ऐसे वेतनभोगी आएंगे जिन्हे सिर्फ एक नियोक्ता से वेतन मिलता है.

इसके तहत सभी प्रकार की कटौतियों के बाद अधिकतम आय पांच लाख रुपए तक होनी चाहिए और बचत खाता से जमा पर अधिकतम 10 हजार रुपए की ब्याज आय हुई हो.

मंत्रालय के अनुसार इस तरह के कर्मचारियों को स्थायी खाता नंबर (पैन) और ब्याज से हुई आय की पूरी जानकारी अपने नियोक्ता को देनी होगी और उसे स्रोत पर कर कटौती (टीडीएस) का भुगतान करना होगा. ऐसे कर्मचारियों को नियोक्त से फार्म-16 लेना होगा.

मंत्रालय ने कहा है कि एक से अधिक नियोक्ताओं से वेतन लेने, वेतन से अतिरिक्त अन्य आय वाले और बचत खाता से ब्याज आय प्राप्त करने वाले या रिफंड का दावा करने वाले कर्मचारी इस छूट का लाभ नहीं उठा सकते हैं.

इसके साथ ही आयकर अधिनियम 1961 की धारा 142 (1) या उपधारा 148 या 153 ए या उपधारा 153 सी के तहत आयकर रिटर्न भरने के नोटिस पाने कर्मचारी भी इस छूट के दायरे में नहीं आएंगें.

सीबीडीटी के अध्यक्ष प्रकाश चंद्र ने गुरूवार को बताया सीबीडीटी ने योजना को अधिसूचित कर दिया है. इसमें पांच लाख रुपए तक की सालाना आय वाले वेतनभोगियों को आयकर रिटर्न भरने से छूट दी गई है. ऐसे वेतनभोगियों को निर्धारण वर्ष 2011-12 के लिये अब रिटर्न भरने की जरुरत नहीं होगी.

चंद्र ने स्पष्ट किया वर्ष 2010-11 में कुल मिलाकर पांच लाख रुपए तक की आय पर जरुरी कटौती आदि, एक नियोक्ता से प्राप्त वेतन और बचत बैंक खाते से 10,000 रुपए तक की ब्याज आय वाले व्यक्तियों को आयकर रिटर्न नहीं भरनी होगी.

उन्होंने कहा कि यह योजना उन व्यक्तियों पर लागू नहीं होगी जिन्होंने किसी एक वित्तीय वर्ष में दो अथवा दो से अधिक नियोक्ताओं से वेतन लिया है. नौकरी बदलने की स्थिति में यह होता है.

सीबीडीटी अध्यक्ष ने कहा कि ऐसे लोग भी इस योजना का लाभ नहीं उठा सकेंगे. जिनकी वेतन और ब्याज को छोड़कर अन्य सोतों से कोई आय है.

ऐसे व्यक्ति जिन्हें आयकर अधिनियम 1961 की धारा 142 (1) अथवा 148 और 153 ए अथवा 153सी के तहत आयकर रिटर्न भरने का नोटिस जारी किया गया है.

पेंशनरों के मामले में प्रकाश चंद्र ने कहा पेंशनरों को भी इस योजना का लाभ मिलेगा. बशर्ते कि उनकी ब्याज आय, करयोग्य पेंशन और वेतन आदि मिलाकर सालाना आय पांच लाख रुपए तक हो.

उन्होंने यह भी कहा कि ऐसे वेतनभोगी व्यक्ति जिन्हें आयकर का रिफंड लेना है उन्हें भी रिटर्न भरना होगा. उन्होंने कहा कि योजना के तहत नियोक्ता की तरफ से दिया जाने वाला फार्म-16 ही आयकर रिटर्न के तौर पर माना जाएगा.

इससे पहले सभी वेतनभोगी व्यक्तियों को आयकर अधिनियम 1961 के तहत हर साल कर रिटर्न भरनी जरूरी थी.

सरकार के इस कदम से करीब 85 लाख आयकरदाताओं को राहत मिलेगी.

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