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आइये जानते है विंडोज़ XP के कुछ विकल्प

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आइये जानते है  विंडोज़ XP के कुछ विकल्प अप्रैल 2014 के बाद से माइक्रोसॉफ्ट अपने सफल ऑपरेटिंग सिस्टम विंडोज़ XP को अलविदा कह देगा। बेहतर होगा कि आप एक्सपी के विकल्पों के बारे में सोचें। 

ऑप्शन से पहले तय करें यूज़
ऐसे में आपके पास सिर्फ दो विकल्प हैं। या तो विंडोज़ एक्सपी पर काम करते रहें और अपनी सिक्यूरिटी किस्मत के भरोसे छोड़ दें या फिर किसी बेहतर ऑपरेटिंग सिस्टम को अपना लें। नए ऑपरेटिंग सिस्टम का चुनाव कई बातों पर निर्भर करेगा। सबसे अहम होगा आपका बजट और कामकाज का मौजूदा तौर-तरीका।



अगर आप विंडोज़ पर काम करने के आदी हो चुके हैं तो हो सकता है मैकिन्टोश (ऐपल का ऑपरेटिंग सिस्टम) या Linux (ओपन सोर्स ऑपरेटिंग सिस्टम) जैसे किसी दूसरे ऑपरेटिंग सिस्टम पर काम करने में परेशानी महसूस करें। ऐसे में विंडोज़ की ही सीरिज़ के किसी नए ऑपरेटिंग सिस्टम को अपनाना आपकी मजबूरी बन जाती है।

विंडोज़ में क्या हैं ऑप्शंस
विंडोज़ में आपके पास दो ठोस विकल्प हैं- विंडोज़ 7 और विंडोज़ 8। हालांकि विंडोज़ विस्टा का विकल्प भी मौजूद है लेकिन यह स्पीड और यूज़र इंटरफेस के मामले में मात खा जाता है। यही कारण है कि विस्टा अधिक लोकप्रिय नहीं हो सका।

समझें 7 और 8 का गणित
विंडोज़ 7 और विंडोज़ 8 में से किसी एक का चुनाव करना आसान काम नहीं है। दोनों की कुछ खासियतें और सीमाएं हैं। आखिरी फैसला लेने से पहले दोनों ऑपरेटिंग सिस्टम्स की तुलना कर लेना जरूरी है।

कब तक मिलेगा सपोर्ट? :
आम तौर पर माइक्रोसॉफ्ट के ऑपरेटिंग सिस्टम के लिए दस साल तक सिक्यूरिटी अपडेट्स और सपोर्ट उपलब्ध होता है। विंडोज़ 7 की शुरुआत 2009 में हुई थी, यानी कम से कम 2019 तक माइक्रोसॉफ्ट इसका सपोर्ट जारी रखेगा। दूसरी तरफ विंडोज़ 8 इसके तीन साल बाद आया था, इसलिए उसे खरीदने के बाद आप 2022 तक सिक्युरिटी को लेकर निश्चिंत हो सकते हैं।

लोकप्रियता:
विंडोज़ 8 के मुकाबले विंडोज़ 7 ज्यादा लोकप्रिय है। कारण है इसका पिछले ऑपरेटिंग सिस्टम्स से मिलता-जुलता होना, काम करने में आसान और तेज़ होना। विंडोज़ का यह एडिशन काफी सिक्युअर भी है। दूसरी तरफ माइक्रोसॉफ्ट की तमाम कोशिशों के बावजूद विंडोज़ 8 लोगों को अपनी ओर नहीं खींच पा रहा है। यह पारंपरिक लैपटॉप-डेस्क टॉप ऑपरेटिंग सिस्टम्स से काफी अलग दिखता है और टैब्लेट्स जैसे मोबाइल डिवाइस के हिसाब से ज्यादा फिट नजर आता है। माइक्रोसॉफ्ट ने इसे लोकप्रिय बनाने के लिए बेहद सस्ते दामों पर अपग्रेड करने की सुविधा भी दी थी लेकिन उसका बहुत फर्क पड़ा हो, ऐसा नहीं लगता।

इस्तेमाल में आसानी :
विंडोज़ 7 को इस्तेमाल करने में कोई खास मुश्किल पेश नहीं आती क्योंकि इसका यूज़र इंटरफेस काफी हद तक विंडोज़ एक्सपी जैसा ही है। वही स्टार्ट बटन, वही डेस्क टॉप  वही स्टार्ट मेन्यू, वही टास्क बार और वही पावर बटन। दूसरी तरफ विंडोज़ 8 को पहली बार इस्तेमाल करने पर आपको माहौल पराया-पराया सा लगेगा। इसे स्टार्ट स्क्रीन कहा जाता है लेकिन यहां स्टार्ट बटन ग़ायब है, स्टार्ट मेन्यू भी और पावर बटन को बदलकर दूसरी जगह ले जाया गया है, जहां वह काम भी दूसरे ही तरीके से करता है।

डेस्क टॉप पर फाइलें रखने की आदत से मजबूर लोग विंडोज़ 8 पर काम करते हुए झुंझला जाते हैं। यहां भी डेस्क टॉप है तो सही लेकिन वहां तक पहुंचने के लिए अलग से जहमत उठानी पड़ती है। सिस्टम खोलने के बाद सामने आने वाली स्क्रीन पिछले ऑपरेटिंग सिस्टम्स जैसी भी नहीं है।

सॉफ्टवेयर सपोर्ट:
यहां भी विंडोज़ 7 बाज़ी मार ले जाता है। विंडोज़ एक्सपी पर चलने वाले ज्यादातर सॉफ्टवेयर इसमें बड़े आराम से काम करते हैं । जबकि विंडोज़ 8 में कुछ पुराने सॉफ्टवेयर नहीं चल पाते। हालांकि उन्हें कम्पैटिबिलिटी मोड में ले जाकर चलाया जा सकता है लेकिन आम यूजर्स के लिए इस तरह की तकनीकी सेटिंग्स कर पाना मुश्किल काम है।

ऐप:
अगर आप ऐप्लीकेशन्स के दीवाने हैं तो विंडोज़ 8 आपको पसंद आएगा। इसमें टैब्लेट्स और स्मार्टफोन्स की ही तरह ऐप्लीकेशन्स के कॉन्सेप्ट को शुरू किया गया है। जरूरत के लिहाज से ऐप्लीकेशन्स को डाउनलोड करना बेहद आसान है। खासकर बच्चों को यह बहुत पसंद आता है जिन्हें नए-नए गेम्स और ऐप्लीकेशन्स पाने के लिए कोई मशक्कत नहीं करनी पड़ती।

कामकाज का ढंग :
अगर आप मोबाइल डिवाइस टैब्लेट्स, लैपटॉप्स आदि का इस्तेमाल ज्यादा करते हैं तो विंडोज़ 8 ज्यादा आसान और सुविधाजनक महसूस होगा। टच बेस सिस्टम्स को पसंद करने वालों को यह भाएगा। लुक्स को तरजीह देते हैं तो यही बेहतर होगा। इसे नए दौर के यूजर्स की आदतों के हिसाब से डिजाइन किया गया है। लेकिन ऑफ़िस या घर पर इत्मिनान से बैठकर काम करने वालों को विंडोज़ 7 जैसा नो-नॉनसेंस, प्रफेशनल क्वॉलिटी ऑपरेटिंग सिस्टम ज्यादा पसंद आएगा।

सिक्यूरिटी:
विंडोज़ 8 के लिए माइक्रोसॉफ्ट ने अपना एंटी-वायरस सॉफ्टवेयर विंडोज़ डिफेन्डर नए सिरे से तैयार किया है। अब यह बाजार में मिलने वाले किसी भी एंटी वायरस की टक्कर का है इसलिए सिक्यूरिटी पर होने वाले अलग खर्च से बचाता है। विंडोज़ 8 के साथ आने वाला इंटरनेट एक्सप्लोरर 10 भी अपने पिछले एडिशंस से ज्यादा सिक्युअर है।

काम की तेजी:
विंडोज़ 7 एक तेज-तर्रार ऑपरेटिंग सिस्टम है लेकिन विंडोज़ 8 की तेजी विंडोज़ 7 को शर्माने पर मजबूर कर देती है। विंड़ोज़ 7 के कई स्पेशल विजुअल इफेक्ट्स नए ऑपरेटिंग सिस्टम (विंडोज़ 8) में शामिल नहीं किए गए हैं। इन इफेक्ट्स को चलाने में कंप्यूटर के प्रॉसेसर की जो एनर्जी खर्च होती थी, वह जरूरी सॉफ्टवेयर्स को चलाने में ज्यादा इस्तेमाल हो पाती है। नतीजा? कामकाज की तेजी। प्रॉसेसर पर बोझ कम है इसलिए अगर एक ही किस्म (कॉन्फिग्युरेशन) के दो लैपटॉप में से एक में विंडोज़ 7 और दूसरे
में विंडोज़ 8 चलाएँगे तो विंडोज़ 8 पर चलने वाले लैपटॉप में बैटरी ज्यादा चलेगी।

भविष्य किसका है :
विंडोज़ 7 का मतलब है पारंपरिक लेकिन दमदार ऑपरेटिंग सिस्टम। विंडोज़ 8 का मतलब है, नए जमाने और नए तौर-तरीकों के मुताबिक ठीकठाक ऑपरेटिंग सिस्टम। भविष्य विंडोज़ 8 की तरफ झुका हुआ लगता है। आने वाले वक्त मोबाइल डिवाइसेज का है और इसीलिए माइक्रोसॉफ्ट ऑपरेटिंग सिस्टम बाजार पर अपनी पकड़ बरकरार रखने के लिए बीच का रास्ता निकाल रहा है। उसने फिलहाल एक नए हाइब्रिड इंटरफेस को विंडोज़ 8 के रूप में इंट्रोड्यूस किया है, लेकिन इसमें अभी बहुत काम बाकी है। ऐसे में विंडोज़ 7 के यूजर्स को आज नहीं तो कल नई किस्म के चेहरे-मोहरे वाले, टच-इनेबल्ड ऑपरेटिंग सिस्टम की तरफ जाना ही पड़ेगा। तब अभी से क्यों नहीं?

जेब पर कौन कितना भारी:
विंडोज़ 7 की तुलना में विंडोज़ 8 थोड़ा महँगा है।

विंडोज़ 8
सिंगल लैंग्वेज एडिशन 6000 रुपये
प्रोफेशनल एडिशन 10000 रुपये

विंडोज़ 7
होम बेसिक एडिशन 5000 रुपये में
होम प्रीमियम 6200 रुपये
प्रोफेशनल एडिशन 8200 रुपये
अल्टीमेट एडिशन 12000 रुपए

भविष्य में अगर आप विंडोज़ 7 से विंडोज़ 8 में अपग्रेड करेंगे तो कुछ रकम खर्च करनी पड़ेगी।


 manoj jaiswal

20 टिप्‍पणियां

  1. उपयोगी जानकारी

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  2. शानदार जानकारी सर थैंक्स.

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  3. बहुत सुन्दर प्रस्तुति सर थैंक्स.

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  4. ज्ञान वर्धक जानकारी दी आपने आपको धन्यवाद

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  5. उपयोगी जानकारी है । साधुवाद

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  6. शानदार उपयोगी जानकारी, सादर

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    1. राजेंद्र जी,आपका हार्दिक आभार।

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  7. बढिया जानकारी

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    1. Babu sexena जी,आपका हार्दिक आभार।

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  8. आपका हार्दिक आभार।

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  9. हार्दिक आभार।

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  10. शानदार उपयोगी जानकारी, सादर

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  11. नई बातें जान के अच्छा लगा ... इतना कुछ नहीं पता था इस एक्स पी के बारे में ...

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  12. आपके ब्लॉग को ब्लॉग"दीप" में शामिल किया गया है ।
    जरुर पधारें ।

    ब्लॉग"दीप"

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  13. ब्लॉग - चिठ्ठा का सभी तकनिकी ब्लॉगर्स और तकनिकी जानकारों से सविनय निवेदन है कि अगर आपकी कोई ब्लॉग - पोस्ट या प्रस्तुति, जो हिंदी ब्लॉगजगत के दूसरे ब्लागरों के काम आ सकती है तो आप अपनी उस ब्लॉग - पोस्ट का लिंक या यूआरएल ब्लॉग - चिठ्ठा को ईमेल, कमेंट और मैसेज के माध्यम से भेजें, ताकि हम उसे ब्लॉग - चिठ्ठा के तकनिकी कोना में शामिल कर सकें। सादर ..... आभार।।

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