कलाकार: निशिकांत कामत, इमाद शाह, सतीश कौशिक, टिस्का चोपड़ा
निर्देशक :प्रावल रमन
रेटिंग: तीन स्टार
समीक्षा : 3 डी हांटेड और रागिनी एमएमएस के बाद एक बार फिर 404 के रूप में थ्रीलर फिल्म दर्शकों के सामने है। 3 डी तकनीक की वजह से और रागिनी अपने प्रोमोशन की वजह से दर्शकों को पसंद आयी है। ऐसे में 404 ने न तो खास प्रोमोशन किया है। और न ही किसी खास तकनीक का प्रयोग। इसके बावजूद फिल्म की पटकथा दर्शकों को आकर्षित कर सकती है।
प्रावल रमन ने बेहतरीन निर्देशन किया है। फिल्म की कहानी एक कमरे से शुरू होती है। कमरे का नंबर है 404। और उस कमरे में ही पुरानी कहानी कही जाती है। 404 में कुछ साल पहले मेडिकल स्टूडेंट गौरव रहता था। रैंगिंग की वजह से उसकी मौत हो जाती है। लेकिन फिर से उस कमरे में नया लड़का आता है। उसकी इच्छा है कि वह उसी कमरे में ही रहे।
कहानी में एक रहस्यमय मोड़ आता है और फिर कहानी में दर्शक लीन हो जाते हैं। 404 थ्रीलर के रूप में एक सराहनीय प्रयास है। फिल्म में बिना मतलब के दृश्य नहीं दिखाये गये हैं। न ही अत्यधिक डराने की कोशिश की गयी है। निस्संदेह फिल्म में ड्रामा व डर का मिश्रण तो है लेकिन व अत्यधिक नहीं लगता। गौरव की भूमिका को बेहतरीन तरीके से निभाया गया है। खासतौर से निशिकांत कामत से बेहतरीन अभिनय कराया है। सतीश कौशिक अपने पुराने अंदाज में नजर आये हैं। टिस्का चोपड़ा हमेशा की तरह कम दृश्यों में भी अपनी खूबसूरती के साथ अभिनय के मिश्रण की छाप छोड़ती हैं।
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