सोमवार

ऐसी महंगाई में कैसे मनाएँ होली का त्योहार

at 20:33
मनोज जैसवाल : सभी पाठकों को मेरा प्यार भरा नमस्कार।इतनी महंगाई में कैसे मनाएँ होली  का त्योहार ? होली रंगों का त्योहार है  रंगों और पिचकारी की कीमतों में बीते साल का मुकाबले इस बार 10 से 20 फीसदी तक की बढ़ोतरी हुई है। ऐसे में त्योहार के लिए खरी बेहद करीब है। लेकिन इस बार होली पर लोगों को महंगाई का झटका लग रहा है। मिठाई के साथ-खरीद दारी करते हुए लोगों की जेब और ज्यादा ढीली हो रही है। मौका रंगों के त्योहार होली का हो तो बाजारों में रौनक बढ़ना लाजमी है। रंग बिरंगे गुलाल, पक्के रंग, एक से बढ़कर एक खूबसूरत पिचकारियां। बच्चों को लुभाने के लिए स्पाइडरमैन और बंदूक से लेकर खरगोश समेत तमाम आकर्षक रूप वाली ढेरों पिचकारियां मौजूद हैं। फिल्मों के शौकीनों के लिए पिचकारी पर उनके पसंदीदा एक्टर भी मिल जाएंगे। इतना ही नहीं, गुलाल और रंगों को भी खास पैंकिंग में बेचा जा रहा है। लेकिन इन सबके के लिए इस बार आपको अपनी जेब थोड़ी ज्यादा ढीली करनी पड़ेगी। वजह साफ है, पिछले साल के मुकाबले थौक बाजार में ही रंगों और पिचकारियों की कीमतों में 20 फीसदी तक की बढ़ोतरी हुई है। महंगाई का असर रंगों और पिचकारियों पर ही नहीं, मिठाईयों पर भी देखने को मिल रहा है। बढ़ती महंगाई के कारण होली पर मिलने वाली खास गुजिया का स्वाद भी 10 फीसदी तक महंगा हो गया है।ऐसे में गरीब तबका होली का त्योहार कैसे मनायेगा ? यह एक बेहद विचारनीय सवाल हैक्या हमारी सरकार इस बारे में सोचती है,या क्या हमें ही इस बारे कुछ करना होगा ? जिससे सभी लोगों को होली मनाने की ख़ुशी मिले   

 Manoj jaiswal

9 टिप्‍पणियां

  1. विचार करने वाली पोस्ट

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  2. सच कह रहें हैं आप, होली के इस त्यौहार पर महंगाई की मार से सभी का बुरा हाल होगा सरकार कुछ करे न करे हमें तो ज़रूर कुछ करना चाहिए। मेरा सुझाव तो यह कहता है कि गरीबों को खिलाने के लिए एक समूहिक रूप से होली मिलन समारोह का आयोजन होना चाहिए। जहां सभी लोग अपने-अपने घर से थोड़ा-थोड़ा पकवान लाएँ और समान रूप से उन्हें खिलाएँ उनके साथ भी गुलाल लगाकर उन्हें समान रूप से होली की शुभकामनायें देते हुए उन्हें भी गले लगाएँ उनके साथ मुंह मीठा करें। उन्हें समानता का आभास कराएं की वह भी एक इंसान है और आप ही की भांति उन्हें भी यह रंगों भरा त्यौहार खुशी-खुशी मनाने का उतना ही हक है जितना आपको कम से कम एक दिन वह अपने दुख दर्द भूलकर गरीबी भूल कर खुशियों के रंग में रंग सकें तो इसे अच्छी भला और क्या बात हो सकती है क्यूंकि इतना ही बहुत है उनके लिए इसके बदले में उनके दिलों से निकली दुआएं करोड़ों की जायदाद से कहीं ज्यादा कीमती है। ऐसा मेरा मत है। बाकी पसंद-पसंद अपनी-अपनी ख्याल अपना-अपना....

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  3. सोनू पंडित जी,पोस्ट पर टिप्पणी के लिए आभार।

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  4. पल्लवी सक्सेना जी,काश आप जैसी सोच हमारे समाज में पनप जाए,कितना अच्छा हो,पोस्ट पर राय के लिए आभार।

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  5. होली की बहुत-बहुत शुभकामनाएं!

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  6. शिवम् मिश्रा जी,टिप्पणी के लिए आभार.आपको होली की शुभकामनाएँ।

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  7. शाह नवाज जी,टिप्पणी के लिए आभार.आपको भी होली की शुभकामनाएँ।

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  8. कुछ भी होली तो आखिर होली है,बहुत ही बेहतरीन,होली की हार्दिक शुभकामनाएँ।

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  9. आदरणीय राजेंदर जी,पोस्ट पर टिप्पणी के लिए आभार,आपको भी होली की शुभकामनाएँ।

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