शुक्रवार

सिक्कों से नकली आभूषण बनाने वालों की खैर नहीं

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मनोज जैसवाल=सिक्कों को नष्ट करने अथवा गलाकर नकली आभूषण बनाने वालों की अब खैर नहीं। इस तरह की गतिविधियों में लिप्त लोगों को सात साल तक जेल की हवा खानी पड़ सकती है। केंद्र सरकार इस तरह के कार्यों को संज्ञेय अपराध घोषित करने जा रही है। प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की अध्यक्षता में बृहस्पतिवार को हुई कैबिनेट की बैठक में सिक्का निर्माण विधेयक-2009 में संशोधन को हरी झंडी दिखा दी गई। इसके तहत अब सिक्कों को नष्ट करना संज्ञेय अपराध माना जाएगा। दोषी पाए जाने पर पांच साल की बजाए सात साल कैद की सजा का प्रावधान किया गया है। इसके अलावा सरकार को अब बाजार से सिक्कों को वापस लेने अथवा नए सिक्के उतारने के लिए संसद की अनुमति की जरूरत नहीं रहेगी। एक, दो, तीन, पांच, 10, 20 व 25 पैसे के सिक्कों को बंद करने के लिए सरकार को संसद की मंजूरी लेनी पड़ी थी। इसके बाद बाजार में सिक्कों की कमी के कारण नए सिक्के उतारने पड़े थे। अब ये सभी अधिकार सरकार के पास आ जाएंगे। केंद्र सरकार ने 17 दिसंबर 2009 को लोकसभा में यह विधेयक पेश किया था। जिसे संसदीय स्थायी समिति को भेज दिया गया था। समिति की कई सिफारिशों पर अमल करते हुए कैबिनेट ने संशोधन को मंजूरी दे दी है।

केंद्रीय बिक्री कर से नुकसान
केंद्रीय बिक्री कर से नुकसान की भरपाई को मुआवजा : केंद्रीय कैबिनेट ने राज्यों को वित्त वर्ष 2010-11 में केन्द्रीय बिक्री कर में कमी के कारण हुए नुकसान की भरपाई के लिए 7029 करोड़ रुपये का मुआवजा देने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। राज्यों के वित्त मंत्रियों ने हाल ही में नई दिल्ली में हुई वित्त मंत्रियों की बैठक में यह मुद्दा उठाया था। आरआरबी में 1100 करोड़ के निवेश को मंजूरी ः कैबिनेट ने क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों (आरआरबी) केंद्र सरकार की हिस्सेदारी बढ़ाने के लिए 1100 करोड़ रुपये के निवेश को मंजूरी दे दी है। इन बैंकों में केंद्र सरकार, राज्य सरकार और प्रायोजित करने वाले बैंकों की हिस्सेदारी है।


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