मनोज जैसवाल : पाकिस्तान के पूर्व कप्तान वसीम अकरम ने पूर्व तेज गेंदबाज शोएब अख्तर और उनकी आत्मकथा की मजाक उड़ाते हुए कहा कि शोएब अपने करियर के दौरान भी सबके लिये समस्या थे और अब खेल से संन्यास लेने के बाद भी वह सबकी परेशानी का सबब बने हुए हैं।
अपनी विवादास्पद आत्मकथा कंट्रोवर्सियली योर्स में शोएब ने मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर पर निशाना साधते हुए कहा कि वर्ष 2006 में फैसलाबाद की धीमी पिच पर मैंने सचिन को एक तेज गेंद डाली थी और मुझे याद है कि वह घबराकर पिच से हट गए थे। यह पहली बार था जब मैंने सचिन को ऐसा करते देखा था। शोएब के इन दावों को सिरे से खारिज करते हुए अकरम ने कहा कि सचिन को खुद को साबित करने की जरूरत नहीं है।
सचिन के साथ अपने मैच को याद करते हुए अकरम ने कहा कि मुझे सियालकोट टेस्ट में सचिन का प्रदर्शन याद है। वह चौथा टेस्ट था और पिच पर बहुत घास थी। मैं तब 22 वर्ष का था, वकार युनूस 19 वर्ष के और सचिन मात्र 16 वर्ष के थे। उन्होंने कहा कि हम बहुत ही तेज गेंदबाजी कर रहे थे। वकार की गेंद से सचिन की ठुड्डी में चोट लगी थी। हम सोच रहे थे कि वह अब नहीं खेल पायेंगे लेकिन कुछ देर बाद ही अपना इलाज कराने के बाद दोबारा क्रीज पर थे। उन्होंने तब अर्द्धशतक बनाया था। अगर आप अपनी तेज गेंदों से 16 वर्ष के लड़के को भी नहीं डरा सकते तो मैं नहीं सोचता कि किसी भी बल्लेबाज को डराया जा सकता है।
पूर्व कप्तान अकरम ने कहा कि शोएब अपने झूठे दावों के साथ बस अपनी किताब बेचना चाहते हैं। मैंने उनका करियर बर्बाद नहीं किया है। अकरम ने कहा कि शोएब के मामले में जो राय पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड की होगी वही राय मेरी भी होगी। वह जब टीम में थे तब भी एक समस्या ही थे और अब जब वह टीम से बाहर हैं तब भी एक समस्या हैं। शोएब ने अपनी किताब में अकरम को उनका करियर खत्म करने का दोषी ठहराया है। इस पर अकरम ने कहा कि शोएब जानते हैं कि मैं जानता हूं और पूरी दुनिया जानती है कि अपना करियर खुद शोएब ने बर्बाद किया है। कहने के लिये तो बहुत कुछ है लकिन मैं वह सब कह कर शोएब की बेइज्जती नहीं करना चाहता। खिलाड़ियों के बीच यह अलिखित नियम है कि कुछ बातों का खुलासा कभी भी मीडिया के सामने नहीं करना चाहिए।
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very good post
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