मनोज जैसवाल : फिल्म- ‘शैतान’
कलाकार- कल्कि कोएच्लिन, राजीव खंडेलवाल, शिव पंडित, कीर्ति कुल्हारी, गुलशन देवैया, नील भूपलम
निर्देशक- बिजॉय नाम्बियार
निर्माता- अनुराग कश्यप
इस हफ्ते सिनेमाघरों में ‘देव डी’ की ‘चंदा’ यानी अभिनेत्री कल्कि कोएच्लिन और टेलीविजन कलाकार राजीव खंडेलवाल अभिनीत फिल्म ‘शैतान’ प्रदर्शित हुई है।
निर्देशक बिजॉय नाम्बियार की फिल्म ‘शैतान’ के पांच मुख्य किरदार हैं वे बिगड़ैल नौजवान, जो कोकीन लेते हैं, शराब पीते हैं और मुंबई की सड़कों पर अंधाधुंध गाड़ी चलाते हैं।
यह समूह उन बिगडै़ल अमीर युवाओं का है, जो अपने परिवार से भावनात्मक रूप से कट चुका है।
जब उनके हाथों से तेज गाड़ी चलाने से दो मासूस लोग मारे जाते हैं, तब उन्हें अपने खिलाफ मामला बंद करने के लिए ढेर सारे पैसों की जरूरत होती है। लेकिन वे अपने माता-पिता से पैसे नहीं मांग सकते, इसलिए उनमें से एक एमी यानी कल्कि जो कि एक अप्रवासी भारतीय है, अपने दोस्तों को सुझाती है कि वे उसका अपहरण कर उसके परिवार से फिरौती मांगें।
ऐसा होता भी है, लेकिन जब उनकी यह योजना बुरी तरह से विफल जाती है, तो उनके अंदर का शैतान जाग उठता है और अपना असली गंदा चेहरा दिखाने लगता है।
निर्देशक बिजॉय नाम्बियार ने पहली ही फिल्म में पूरे आत्मविश्वास के साथ अपनी कहानी पेश की है और वह भी एक अच्छी स्टाइल के साथ। कहानी पेश करने के लिए उन्होंने वॉइस-ओवर और फ्लैशबैक का इस्तेमाल बहुत अच्छे ढंग से किया है। शूटाआउट और एक चाल में पीछा करने के दृश्य बहुत ही जानदार बन पड़े हैं। नाम्बियार ने बहुत कोशिश की है कि दर्शक किसी तरह फिल्म के चरित्रों से जुड़ें और उनसे हमदर्दी दिखाएं।
फिल्म में आकर्षण का केंद्र बने हैं राजीव खंडेलवाल, जिन्होंने एक ईमानदार पुलिस अधिकारी की भूमिका निभाई है।
फिल्म का साउंडट्रैक बहुत अच्छा है, जिस पर छह संगीतकारों ने काम किया है।
कलाकार- कल्कि कोएच्लिन, राजीव खंडेलवाल, शिव पंडित, कीर्ति कुल्हारी, गुलशन देवैया, नील भूपलम
निर्देशक- बिजॉय नाम्बियार
निर्माता- अनुराग कश्यप
इस हफ्ते सिनेमाघरों में ‘देव डी’ की ‘चंदा’ यानी अभिनेत्री कल्कि कोएच्लिन और टेलीविजन कलाकार राजीव खंडेलवाल अभिनीत फिल्म ‘शैतान’ प्रदर्शित हुई है।
निर्देशक बिजॉय नाम्बियार की फिल्म ‘शैतान’ के पांच मुख्य किरदार हैं वे बिगड़ैल नौजवान, जो कोकीन लेते हैं, शराब पीते हैं और मुंबई की सड़कों पर अंधाधुंध गाड़ी चलाते हैं।
यह समूह उन बिगडै़ल अमीर युवाओं का है, जो अपने परिवार से भावनात्मक रूप से कट चुका है।
जब उनके हाथों से तेज गाड़ी चलाने से दो मासूस लोग मारे जाते हैं, तब उन्हें अपने खिलाफ मामला बंद करने के लिए ढेर सारे पैसों की जरूरत होती है। लेकिन वे अपने माता-पिता से पैसे नहीं मांग सकते, इसलिए उनमें से एक एमी यानी कल्कि जो कि एक अप्रवासी भारतीय है, अपने दोस्तों को सुझाती है कि वे उसका अपहरण कर उसके परिवार से फिरौती मांगें।
ऐसा होता भी है, लेकिन जब उनकी यह योजना बुरी तरह से विफल जाती है, तो उनके अंदर का शैतान जाग उठता है और अपना असली गंदा चेहरा दिखाने लगता है।
निर्देशक बिजॉय नाम्बियार ने पहली ही फिल्म में पूरे आत्मविश्वास के साथ अपनी कहानी पेश की है और वह भी एक अच्छी स्टाइल के साथ। कहानी पेश करने के लिए उन्होंने वॉइस-ओवर और फ्लैशबैक का इस्तेमाल बहुत अच्छे ढंग से किया है। शूटाआउट और एक चाल में पीछा करने के दृश्य बहुत ही जानदार बन पड़े हैं। नाम्बियार ने बहुत कोशिश की है कि दर्शक किसी तरह फिल्म के चरित्रों से जुड़ें और उनसे हमदर्दी दिखाएं।
फिल्म में आकर्षण का केंद्र बने हैं राजीव खंडेलवाल, जिन्होंने एक ईमानदार पुलिस अधिकारी की भूमिका निभाई है।
फिल्म का साउंडट्रैक बहुत अच्छा है, जिस पर छह संगीतकारों ने काम किया है।
good&nice movi
जवाब देंहटाएंसुन्दर फिल्म के लिए धन्यबाद
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