मनोज जैसवाल
एकता कपूर इस बात से बिल्कुल वाकिफ रखती हैं कि उन्हें किस तरह व किस तरह के दर्शक वर्ग को अपनी फिल्म के लिए आकर्षित करना है। यही वजह है कि एकता कपूर ने अपनी फिल्म रागिनी एमएमएस के प्रोमोशन के लिए आपत्तिजनक प्रोमोशन फंडे अपनाने से भी गुरेज नहीं की। लेकिन शायद एकता इस बात को भूल गयी हैं कि अब दर्शक समझदार हो चुके हैं और वे अपने मनमुताबिक ही फिल्मों को देखना पसंद करते हैं। उन्होंने शुरुआत से ही रागिनी एमएमएस को सच्ची घटनाओं पर आधारित कहानी बताया है।
अब अगर फिल्म की बात करें तो फिल्म के किसी भी दृश्य को देख कर आप यह महसूस नहीं करेंगे कि यह किसी भी सच्ची घटना से प्रभावित है। एकता को यह ज्ञात होना चाहिए कि जब भी किसी सच्ची घटना पर आधारित फिल्म का निर्माण होता है। रिसर्च के दृष्टिकोण से फिल्म में तथ्यपूर्ण बातें जरूर होनी चाहिए, लेकिन उस आधार पर रागिनी बिल्कुल विचारविहीन फिल्म है।
फिल्म में न तो किरदारों का सही तरीके से चयन हुआ है और न ही किसी तरह की शोधपरक बातों को शामिल किया गया है। फिल्ममेकर्स को इस बात का भी ख्याल रखना चाहिए कि केवल सनसनी फैलानी की कोशिश किसी फिल्म की नहीं होनी चाहिए। रागिनी के माध्यम से यही कोशिश की गयी है, लेकिन सनसनी फैला कर फिल्म हिट कराने का फंडा अब पुराना हो चुका है। रागिनी एमएमएस हर लिहाज से वक्त की बर्बादी है।
कम बजट के नाम पर एक बेहद बकवास व बेफिजूल फिल्म का निर्माण किया है। उदय को एक्टर बनना है जिसके लिए वह अपनी गर्लफ्रेंड रागिनी का अश्लील वीडियो बना कर बेचना चाहता है, लेकिन उसके नापाक इरादे कामयाब नहीं हो पाते। वह एक ऐसी जगह जाकर फंस जाता है और मौत को गले लगा लेता है। जहां शैतानी आत्मा का वास है। रागिनी के अच्छे दोस्त भी इसी क्रम में एक एक कर दम तोड़ देते हैं। शैतानी आत्मा अंत में रागिनी को भी परेशान करती है।
बाकी की डरावनी फिल्मों की तरह इस फिल्म में भी सुनसाल जंगल, अंधेरा, एक औरत, व सन्नाटा सबकुछ है। बस कहानी नहीं है। हां, एक अलग बात यह है कि अंत तक उस शैतानी आत्मा के बारे में कहानी नहीं सुलझती कि वह कौन है और क्यों सबकी हत्याएं करती जाती हैं। कलाकार के रूप में राजकुमार यादव व कैनाज ने खास कमाल नहीं दिखाया है। हालांकि कोशिश अच्छी थी कि किसी किसी वास्तविक घटना से जोड़ कर उसे हॉरर फिल्म के रूप में दर्शाना, लेकिन इसमें निर्देशक पवन पूरी तरह विफल नजर आये हैं। संवादों में बेहद अश्लीलता नजर आयी है। फिल्म पारिवारिक बिल्कुल नहीं। गौरतलब है कि हाल ही में रिलीज हुई हांटेड के बाद शायद ही दर्शक एक और हॉरर फिल्म देखना पसंद करें। रागिनी एमएमएस केवल किसी खास वर्ग के लिए ही दर्शक वर्ग को प्रभावित कर सकती है।
रोचक पोस्ट जानकारी के लिए धन्यबाद
जवाब देंहटाएंजानकारी के लिय आभार
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