शनिवार

प्रीमियम ट्रैक पर आरिया के साथ टाटा की रफ्तार

at 19:48
प्रकाशित किया मनोज जैसवाल ने(मजेदार दुनिया)केलिए 


टाटा आरिया अब मैदान में है और यह टोयोटा इन्नोवा से लेकर स्कोडा
सुपर्ब तक हर मॉडल को चुनौती दे रही है, लिहाजा हमने दो बेहतरीन मॉडलों के साथ इसकी तुलना की, आकार और प्रदर्शन के मोर्चे पर। आप भी देखें, क्या लगा हमारे हाथ...टाटा मोटर्स के लिए अपनी छवि बदलना इस समय सबसे जरूरी काम है। इसकी पहचान कैब उद्योग के पसंदीदा ब्रान्ड के रूप में बन गई है। कंपनी अपनी इस छवि में बदलाव करना चाहती है और इस मोर्चे पर आरिया उसके लिए फायदेमंद हो सकती है। इसके जरिए कंपनी को अपनी ब्रान्ड वैल्यू में बदलाव करने में मदद मिलेगी।

टैक्सी ड्राइवरों की पहली पसंद मानी जाने वाली यह कंपनी अब अमीर लोगों के बीच अपनी पहचान बनाना चाहती है। क्या कंपनी आरिया के जरिए अपना यह लक्ष्य पूरा कर पाएगी? इस सवाल का जवाब पाने के लिए हमने आरिया की तुलना उसके दो प्रमुख प्रतिस्पर्धी मॉडलों -टोयोटा फॉर्च्यूनर और फोर्ड इंडेवर से की। यहां हम आपको बता रहे हैं कि इनमें से कौन सा मॉडल सबसे ऊपर रहा और कौन पिछड़ गया।

फॉर्च्यूनर और इंडेवर, दोनों ही गाडि़यां अपनी काबिलियत साबित कर चुकी हैं। देश की सड़कों पर इनका प्रदर्शन शानदार रहा है। कई लोग यह कह सकते हैं कि फॉर्च्यूनर के सामने आरिया में कुछ भी नया नहीं है। लेकिन, इस मामले में हमारी अलग सोच है। इंजन को छोड़ आरिया हर मामले में अलग है और इसमें नयापन है। इसका इंजन सफारी का है। जहां तक लुक की बात है तो तीनों गडि़यां एसयूवी की तरह दिखाई देती हैं। आरिया के साथ खास बात यह है कि इसका डिजाइन जिस तरह से बनाया गया है, उससे यह एसयूवी के साथ-साथ एमयूवी जैसी लगती है। यदि आप आरिया के डिजाइन को ध्यान से देखें तो आपको यह कई मशहूर कारों जैसी नजर आएगी। यदि आप फॉर्च्यूनर और एंडेवर को देखें तो आपको इनमें भी कारों की झलक दिखाई देगी, लेकिन आरिया में कारों की कुछ खूबियों को बड़े अच्छे तरीके से शामिल किया गया है। हमें इसका डिजाइन अच्छा लगता है, क्योंकि यह पूरी तरह से आक्रामक दिखाई देता है।

आरिया में बैठते ही इसका इंटीरियर आपको इंडिका के मुकाबले पूरी तरह से अलग लगेगा। सीट, डैश डिजाइन और कबीहोल को देखकर लगता है कि इंटीरियर पर कंपनी ने काफी ध्यान दिया है। अगर हम इसकी तुलना फॉर्च्यूनर और एंडेवर से करें तो यह नहीं कह सकते कि दोनों गाडि़यां आरिया के मुकाबले अच्छी हैं। लेकिन, कुशलता और क्वालिटी के मामले में यह आरिया से बेहतर दिखाई देती हैं। इसके अलावा आपको यह भी लगता है कि आरिया के इंटीरियर को बेहतर बनाने की कोशिश में इसके केबिन में जरूरत से ज्यादा चीजें डाल दी गई हैं। ऐसा नहीं है कि इनकी जरूरत नहीं है, लेकिन इसे प्रीमियम उत्पाद बनाने की कोशिश में कंपनी ने किसी तरह से इन चीजों का इस्तेमाल करने की कोशिश की है। लेकिन, एक बात पक्की है।

आरिया की क्वालिटी जिस तरह की है वह अब तक टाटा की गाडि़यों में देखने को नहीं मिलती थी। हम कंपनी की पैसेंजर ह्वीकल की बात कर रहे हैं। इंटीरियर स्पेस के मामले में आरिया फॉर्च्यूनर और एंडेवर से आगे निकल जाती है। लेकिन, यदि सफर में आराम की बात करें तो तीनों में काफी अंतर है। सफर के दौरान शरीर को सबसे कम झटका एंडेवर में लगता है। इसके बाद फॉर्च्यूनर का स्थान है। लेकिन, आरिया में आपको इस तरह का आराम नहीं मिलेगा और शरीर को काफी झटका लगता है। हालांकि, अगर सीधे रास्ते पर जाना है तो फिर तीनों में ही आपको किसी तरह की दिक्कत नहीं आएगी। सबसे कठिन रास्तों पर फॉर्च्यूनर और एंडेवर चलाने के बाद मैंने पाया है कि दोनों ने अपनी काबिलियत साबित की है। जहां तक आरिया की बात है तो हमने इसे पहाड़ी रास्तों पर चलाया।

गीली घास वाले रास्ते पर हमने इसे आजमाया और यहां हमने आरिया के 4ङ्ग4 एडाप्टेर टॉर्क-ऑन-डिमांड सिस्टम का कमाल देखा। यह रास्ते को भांप लेता है और जरूरत के मुताबिक टॉर्क सप्लाई करता है। खतरनाक रास्ते पर जहां मिट्टी कट गई होती है और काफी फिसलन होती वहां आरिया थोड़ा हांफते हुए निकलने में कामयाब रही। हालांकि, हमें आरिया को आजमाने के लिए ज्यादा खराब सड़क नहीं मिली, लेकिन थोड़ी सी जांच के बाद हम आश्वस्त हो गए कि लंबी और मुश्किल सफर के लिए आरिया की सवारी की जा सकती है।

आराम की कसौटी पर तीनों गाडि़यों की जांच करने के बाद अब हम बाजार उपलब्ध इनके विकल्प और कीमतों के बारे में बात करेंगे। इंजन और गियर ट्रांसमिशन के मामले में एंडेवर में आपको सबसे ज्यादा वेरायटी मिलेगी। इसमें 3.0 लीटर और 2.5 लीटर इंजन के विकल्प के साथ ही आपको मैन्युएल या 4ङ्ग4 या 4ङ्ग2 ड्राइव फीचर के साथ ऑटोमैटिक ट्रांसमिशन सिस्टम का विकल्प मिलेगा। फॉर्च्यूनर में इंजन के मामले में आपको एक ही वेरायटी मिलेगी। इसमें सिर्फ 3.0 लीटर वर्जन का ऑल-व्हील ड्राइव वाला इंजन मिलेगा। आरिया के साथ अच्छी बात इसका 2.2 लीटर वाला डायकोर इंजन है। क्यूबिक क्षमता के मामले में यह दूसरे इंजन के मुकाबले कम है। लेकिन माइलेज के मामले में यह बेहतर है। यह वैसे ग्राहकों के लिए बेहतर है, जो एसयूवी जैसी गाड़ी चाहते हैं, लेकिन ज्यादा खर्च नहीं करना चाहते। एंडेवर के साथ अच्छी बात इसका ऑटो ट्रांसमिशन है, जो बड़े शहर में ड्राइविंग के लिए सुविधाजनक है। फॉर्च्यूनर ऑटोमेटिक ट्रांसमिशन या स्मॉल इंजन साइज में उपलब्ध नहीं है। इसे चलाना में मजा आता है, क्योंकि यह आसपास की गाडि़यों के मुकाबले भारी पड़ता है।यह खुशी की बात है कि टाटा ने टैक्सी वाली अपनी छवि बदलने की कोशिश की है और हमें बेहतर उत्पाद दिया है। लेकिन, अभी भी प्रीमियम कार बनाने वाली कंपनी के रूप में अपनी पहचान स्थापित करने के लिए कंपनी को काफी मेहनत करनी पड़ेगी। इस दिशा में आरिया पहला कदम है। इसमें एबीएस, ईबीडी, ईएसपी विद ट्रैक्शन कंट्रोल जैसी विशेषताएं हैं।

इसके अलावा इसमें स्टिरिंग माउंटेड फोन और म्यूजिक कंट्रोल, एयरबैग्स, इन-डैश जीपीएस, ऑटामैटिक डार्कनेस सेंसिंग लाइट और रेन सेंसिंग वाइपर्स हैं। इसकी कीमत 12.91 लाख (एक्स शो रूम दिल्ली) है। इस तरह से एंडेवर और फॉर्च्यूनर के मुकाबले इसकी कीमत कम है। लेकिन, सबसे खास बात यह है कि ब्रान्ड के मामले में इसे टाटा की पुरानी छवि के चलते थोड़ा मुश्किल का सामना करना पड़ेगा। ईमेल- manojjaiswalpbt@gmail.com.PTI

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