
द टाइम्स के अनुसार तेंदुलकर ने पत्र में लिखा कि क्रिकेट के तीनों प्रारूपों के एक साथ बने रहने और लोकप्रियता बरकरार रखने के लिए मैंने कई पहलुओं पर सोचा और मुझे लगा कि यही सर्वश्रेष्ठ तरीका है। उन्होंने कहा कि अंतरराष्ट्रीय मैच में 25 ओवरों की चार पारियां बेहतर विकल्प होगी जिससे टॉस जीतने वाली टीम को मौसम और पिच के अनुरूप मिलने वाला फायदा संतुलित हो जाएगा। इससे मैच का नतीजा सिक्के की उछाल पर निर्भर नहीं रहेगा। तेंदुलकर ने स्वैच्छिक पावरप्ले का भी प्रस्ताव रखा।
उन्होंने कहा कि 25 ओवर के एक भाग में बल्लेबाजी टीम के अनुसार दो पावरप्ले रखे जा सकते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि चार गेंदबाजों को 12-12 ओवर फेंकने की अनुमति होनी चाहिए। तेंदुलकर ने हालिया विश्व कप में दो मैचों का हवाला दिया जब शाम की ओस के कारण इंग्लैंड की टीम बेंगलूर में भारत के खिलाफ क्वालीफाइंग दौर का मैच टाई कराने में कामयाब रही। इसके बाद आयरलैंड ने इसी मैदान पर इंग्लैंड के खिलाफ लक्ष्य का पीछा कामयाबी से किया।
रिपोर्ट में कहा गया कि हर टीम को दो बराबर पारियां खेलने का प्रस्ताव ब्रिटेन में घरेलू टूर्नामेंटों के फाइनल में अक्सर रखा गया। मूल रूप से जिलेट कप में। उस समय पहले क्षेत्ररक्षण का फायदा मिलता था।
पिछले साल आस्ट्रेलिया में अंतर राज्य एक दिवसीय टूर्नामेंट रियोबी कप में 45 ओवर के मैच को 20 और 25 ओवरों की दो पारियों में बांटा गया था और वह कामयाब रहा।
manojjaiswalpbt |
---|

सुन्दर आलेख
जवाब देंहटाएं